October 15, 2025

पीएम मोदी का गुजरात दौरा: ₹1.5 लाख करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास, विरासत और विकास का अनोखा संगम

दौरे का आगमन: भावनगर में भव्य स्वागत की तैयारी

20 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। यह दौरा मात्र 24 घंटों का होने के बावजूद विकास, विरासत और भविष्य के विजन का अनुपम मेल प्रस्तुत करेगा। सुबह 10 बजे भावनगर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद पीएम मोदी एक भव्य रोड शो का नेतृत्व करेंगे। लगभग 1.5 किलोमीटर लंबा यह रोड शो स्थानीय उत्साह का प्रतीक बनेगा, जिसमें 30 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। रोड शो की थीम ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘आत्मनिर्भर भारत’ और जीएसटी में राहत पर केंद्रित होगी, जो मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बनेगी। यह न केवल राजनीतिक संदेश देगा, बल्कि गुजरात की जनता के बीच विकास की गति को महसूस कराएगा। भावनगर, जो सौराष्ट्र क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इस दौरे से एक नई ऊर्जा प्राप्त करेगा, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगी।

विकास की सौगात: शिपिंग परियोजनाओं का उद्घाटन

रोड शो के बाद प्रधानमंत्री जवाहर मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस अवसर पर वे ₹1.5 लाख करोड़ की लागत से विकसित शिपिंग और समुद्री परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। ये मेगा प्रोजेक्ट्स भारत की समुद्री क्षमता को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। इसके अतिरिक्त, भावनगर को ₹100 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं की सौगात मिलेगी, जो बुनियादी ढांचे, सड़कों, जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करेंगी। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे, खासकर युवाओं के लिए। औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाली ये पहल गुजरात को भारत का ‘समुद्री हब’ बनाने की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षा को साकार करेंगी। जनसभा में पीएम मोदी संभवतः आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलताओं पर प्रकाश डालेंगे, जो कोविड के बाद की आर्थिक वसूली का प्रतीक बने हैं। यह दौरा न केवल आंकड़ों का प्रदर्शन है, बल्कि जमीन पर बदलाव लाने वाली योजनाओं का जीवंत प्रमाण है।

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विरासत की यात्रा: लोथल में राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय की समीक्षा

दोपहर करीब 1 बजे प्रधानमंत्री अहमदाबाद जिले के लोथल पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (NMHC) की प्रगति का जायजा लेंगे। ₹4,500 करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य भारत की प्राचीन समुद्री शक्ति को संरक्षित करना है। लोथल, सिंधु घाटी सभ्यता का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र रहा है, जहां 5,000 वर्ष पुरानी डॉकयार्ड के अवशेष आज भी इतिहास की गवाही देते हैं। NMHC इस स्थल को एक आधुनिक राष्ट्रीय समुद्री संग्रहालय में बदल देगा, जहां आगंतुक भारत की नौसेना इतिहास, प्राचीन व्यापार मार्गों और समुद्री साहसिक यात्राओं को करीब से समझ सकेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा ‘विरासत भी, विकास भी’ के उनके विजन को सशक्त बनाता है। जहां एक ओर मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भविष्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्राचीन सभ्यताओं को संरक्षित कर सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखा जा रहा है। यह परियोजना ‘पंच प्रण’ पहल के तहत विरासत संरक्षण की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जो पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी समृद्ध करेगी।

व्यापक प्रभाव: विकास और इतिहास का संतुलन

पीएम मोदी का यह दौरा गुजरात की राजनीति और विकास एजेंडे को नई दिशा देगा। एक तरफ जहां शिपिंग परियोजनाएं भारत को वैश्विक व्यापार में अग्रणी बनाएंगी, वहीं NMHC जैसे प्रयास युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ेंगे। ऑपरेशन सिंदूर जैसी थीम्स आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करेंगी, जबकि जीएसटी राहत से छोटे व्यवसायों को बल मिलेगा। यह दौरा लोकतंत्र में नेतृत्व की भूमिका को दर्शाता है, जहां एक नेता न केवल वर्तमान की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि भविष्य की नींव भी रखता है। गुजरात, जो हमेशा से मोदी के विकास मॉडल का केंद्र रहा है, इस दौरे से और मजबूत होगा। पर्यावरणीय दृष्टि से भी ये परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि समुद्री संरक्षण से तटीय पारिस्थितिकी संतुलित रहेगी। विपक्ष भले ही इन्हें चुनावी स्टंट कहे, लेकिन आंकड़े साफ बताते हैं कि गुजरात में पिछले दशक में निवेश दोगुना हो चुका है।

भविष्य की उम्मीदें: परियोजनाओं का जमीन पर असर

देखना रोचक होगा कि इन परियोजनाओं का असर कितनी तेजी से जमीन पर दिखाई देता है। ₹1.5 लाख करोड़ के निवेश से न केवल रोजगार बढ़ेंगे, बल्कि भारत की जीडीपी में भी योगदान होगा। लोथल का संग्रहालय पर्यटकों को आकर्षित कर सॉफ्ट पावर को मजबूत करेगा। यह दौरा संदेश देता है कि विकास और विरासत अलग-अलग नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। पीएम मोदी की यह यात्रा गुजरातवासियों के लिए प्रेरणा बनेगी, जो ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को साकार करेगी। आने वाले दिनों में इन योजनाओं की प्रगति पर नजर रखना जरूरी होगा, ताकि वादे वास्तविकता में बदलें। कुल मिलाकर, यह एक दिवसीय दौरा लंबे समय तक याद रखा जाएगा, क्योंकि यह भारत के उज्ज्वल भविष्य की नींव रखता है।

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