बेंगलुरु में वोट अधिकार रैली में राहुल गांधी का हमला
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को बेंगलुरु में आयोजित वोट अधिकार रैली में चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर कर्नाटक में लोकसभा चुनावों में वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया। राहुल गांधी ने बेंगलुरु सेंट्रल सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर कर्नाटक की जनता के मतों को चुराया। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि कांग्रेस के वोटों की संख्या में कमी नहीं आई, फिर भी उनकी पार्टी विधानसभा चुनावों में हार गई। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि जहां कहीं भी वोटों में वृद्धि हुई, वे सभी बीजेपी को प्राप्त हुए।
वोट चोरी के पांच तरीके और जांच की मांग
राहुल गांधी ने रैली में दावा किया कि वोटों की चोरी पांच अलग-अलग तरीकों से की गई। उन्होंने कर्नाटक सरकार से बेंगलुरु सेंट्रल सीट पर वोट चोरी की गहन जांच करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक की जनता के साथ एक अपराध है और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने कथित तौर पर 10-10 हजार फर्जी वोट जोड़े। राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उनके इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने कई राज्यों की वेबसाइट्स को बंद कर दिया, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं।
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डिजिटल वोटर लिस्ट की मांग
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से पूरे देश की वोटर लिस्ट डिजिटल प्रारूप में उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर आयोग ऐसा करता है, तो वे साबित कर देंगे कि न केवल एक सीट, बल्कि देशभर में कई सीटों पर वोट चोरी हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक में एक से अधिक सीटों पर यह गड़बड़ी हुई। इस दौरान उन्होंने संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि यह देश की आवाज है और यह हर नागरिक को एक वोट का अधिकार देता है।
संविधान पर हमले का जवाब
राहुल गांधी ने चेतावनी दी कि संविधान पर हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, “अगर आप संविधान पर आक्रमण करेंगे, तो मैं आप पर आक्रमण करूंगा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल 25 सीटों के अंतर से देश के प्रधानमंत्री बने हैं। राहुल गांधी ने दावा किया कि उनकी जांच से यह साबित हो चुका है कि सीटों की चोरी हुई है। अगर इलेक्ट्रॉनिक डेटा उपलब्ध हो जाए, तो वे यह साबित कर देंगे कि प्रधानमंत्री ने चोरी के जरिए यह पद हासिल किया है।
पारदर्शिता पर सवाल और जनता से अपील
राहुल गांधी ने पूरे देश से सवाल पूछने की अपील की कि आखिर क्यों चुनाव आयोग डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में डेटा निकालने में छह महीने लगे, लेकिन समय भले ही लगे, वे दोषियों को नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग बीजेपी का नहीं, बल्कि संविधान का हिस्सा है और इसे निष्पक्षता के साथ काम करना चाहिए।
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