October 15, 2025

राजनाथ सिंह की ऐतिहासिक मोरक्को यात्रा: रक्षा निवेश और पीओके पर सख्त बयान

भारत-मोरक्को संबंधों में नया अध्याय

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की हालिया मोरक्को यात्रा ने अंतरराष्ट्रीय पटल पर भारत की बढ़ती ताकत को रेखांकित किया। यह पहली बार है जब कोई भारतीय रक्षा मंत्री इस उत्तर अफ्रीकी देश का दौरा कर रहा है। यात्रा के दौरान सिंह ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) की नई रक्षा विनिर्माण इकाई का उद्घाटन किया, जो अफ्रीका महाद्वीप में भारत का पहला रक्षा संयंत्र है। यह कदम न केवल द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करेगा, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को वैश्विक स्तर पर ले जाएगा। मोरक्को के साथ भारत के संबंध प्राचीन काल से मजबूत रहे हैं, लेकिन यह यात्रा रक्षा सहयोग में एक मील का पत्थर साबित हो रही है।

रक्षा निवेश का उद्घाटन: अफ्रीका में भारत का पहला कदम

रबात में आयोजित समारोह में राजनाथ सिंह ने TASL की इस इकाई को हरी झंडी दिखाई, जो उन्नत ड्रोन सिस्टम, मिसाइल कंपोनेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरणों का उत्पादन करेगी। यह संयंत्र मोरक्को की सेना के लिए स्थानीय स्तर पर उपकरण उपलब्ध कराएगा, जिससे आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होगी। सिंह ने कहा, “यह निवेश भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का प्रतीक है। हम न केवल निर्यात कर रहे हैं, बल्कि साझेदारी के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं।” मोरक्को के रक्षा मंत्री अब्देल्लातिफ लौदी ने इस साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि यह अफ्रीका-एशिया सहयोग का नया मॉडल बनेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत को अफ्रीकी बाजार में ५०० मिलियन डॉलर के रक्षा निर्यात के अवसर खोलेगा।

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भारतीय समुदाय से संवाद: देशभक्ति का संदेश

यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने मोरक्को में बसे भारतीय समुदाय से मुलाकात की। उन्होंने ५०० से अधिक भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा, “दुनिया के किसी कोने में रहें, लेकिन हमेशा याद रखें कि हम भारतीय हैं। अपने देश के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी निभाएं। विदेशों में रहकर भी भारत का गौरव बढ़ाएं, विश्वासघात न करें।” यह संदेश विशेष रूप से प्रासंगिक है, जब वैश्विक स्तर पर भारतीय डायस्पोरा की भूमिका बढ़ रही है। सिंह ने समुदाय के योगदान की सराहना की, जैसे कि आईटी, स्वास्थ्य और व्यापार क्षेत्र में। इस मुलाकात ने न केवल सांस्कृतिक बंधन मजबूत किए, बल्कि प्रवासी भारतीयों को प्रेरित किया कि वे भारत की वैश्विक छवि के राजदूत बने रहें।

पीओके पर सख्त बयान: शांतिपूर्ण एकीकरण का दावा

मोरक्को यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर एक ऐतिहासिक बयान दिया। उन्होंने कहा, “पीओके स्वाभाविक रूप से भारत का अभिन्न अंग है। वहां के लोगों की इच्छा से ही यह वापस भारत से जुड़ेगा, किसी युद्ध की जरूरत नहीं पड़ेगी।” यह बयान भारत की शांतिपूर्ण विदेश नीति को दर्शाता है, जो संवाद और जनभावना पर जोर देता है। सिंह ने जोड़ा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पीओके के लोगों को ही नुकसान पहुंचा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इस बयान को कवर किया, जो भारत की संप्रभुता पर अडिग रुख को रेखांकित करता है।

आतंकवाद विरोधी नीति और भारत की वैश्विक उन्नति

सिंह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘शून्य सहनशीलता’ नीति पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया, “हम केवल उन आतंकियों को निशाना बनाते हैं जो निर्दोषों को मारते हैं। किसी नागरिक, समुदाय या धर्म को लक्ष्य नहीं बनाया जाता।” यह नैतिक ऊंचाई भारत की वैश्विक साख बढ़ाती है। इसके अलावा, उन्होंने भारत की प्रगति पर प्रकाश डाला – २०१४ में मात्र ५०० स्टार्टअप्स से बढ़कर अब १.६ लाख हो गए हैं। सिंह ने कहा, “भारत अब वैश्विक मंच पर बोलता है, तो दुनिया सुनती है। हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली है।” यह आंकड़े भारत को इनोवेशन हब के रूप में स्थापित करते हैं।

भारत की मजबूत वैश्विक भूमिका

राजनाथ सिंह की यह यात्रा भारत की रक्षा, कूटनीति और आर्थिक शक्ति का प्रतीक है। रक्षा निवेश से साझेदारियां मजबूत हो रही हैं, जबकि बयान वैश्विक संदेश दे रहे हैं। हमें गर्व है कि हमारे नेता भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

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