September 9, 2025

पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा: ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच तीखी टक्कर

विधानसभा में ममता बनर्जी की आक्रामक नारेबाजी

पश्चिम बंगाल विधानसभा का विशेष सत्र आज उस समय हंगामे की भेंट चढ़ गया, जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ममता ने “मोदी चोर, बीजेपी चोर” और “बीजेपी हटाओ, देश बचाओ” जैसे नारे लगभग बीस बार दोहराए। यह नारेबाजी करीब 40 सेकंड तक चली, जिसने विधानसभा का माहौल पूरी तरह से गरमा दिया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई, जिसके बाद सदन में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

बीजेपी विधायकों का निलंबन और धक्का-मुक्की

हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत पांच बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया। इस दौरान सबसे गंभीर घटना तब हुई, जब बीजेपी विधायक शंकर घोष को सदन से बाहर निकालने की कोशिश में मार्शलों के साथ उनकी धक्का-मुक्की हो गई। इस हंगामे में शंकर घोष बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़े और उन्हें तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए और दावा किया कि यह सब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर हुआ। बीजेपी ने इसे पूरे समुदाय का अपमान करार दिया और ममता पर “मोदी समुदाय” को गाली देने का आरोप लगाया। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी के खिलाफ इस मामले में कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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ममता बनर्जी का पलटवार

ममता बनर्जी ने बीजेपी के आरोपों का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी बंगालियों के उत्पीड़न पर चर्चा नहीं करना चाहती। यह भ्रष्ट और वोट चोरों की पार्टी है।” ममता ने संसद में टीएमसी सांसदों के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का हवाला देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने उनके सांसदों को दबाने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का दुरुपयोग किया। ममता ने यह भी भविष्यवाणी की कि बीजेपी की सरकार जल्द ही गिरने वाली है और अगले चुनाव में जनता बीजेपी को वोट नहीं देगी। उन्होंने कहा, “आने वाले समय में बीजेपी का एक भी विधायक विधानसभा में नहीं बचेगा।”

विशेष सत्र का उद्देश्य और राजनीतिक गर्मी

यह विशेष सत्र बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों पर कथित हमलों के विरोध में बुलाया गया था। हालांकि, सत्र शुरू होने के बाद से ही यह हंगामे और राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया है। पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह घटनाक्रम राजनीतिक माहौल को और गर्म कर रहा है। ममता बनर्जी का यह आक्रामक रुख क्या टीएमसी को फायदा पहुंचाएगा, या बीजेपी इस हमले का और तेजी से जवाब देगी? यह सवाल अब सभी के मन में है।

आगे क्या?

इस घटनाक्रम ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। ममता बनर्जी की आक्रामक रणनीति और बीजेपी के जवाबी हमले ने दोनों दलों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। अगले कुछ महीनों में दोनों पार्टियों की रणनीति और जनता की प्रतिक्रिया पर सबकी नजरें टिकी रहेंगी।

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