ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े मामले में बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। जैकलीन की याचिका में 200 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि अभी आरोप ट्रायल से पहले खारिज नहीं किए जा सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो जैकलीन भविष्य में फिर से याचिका दायर कर सकती हैं। जैकलीन की तरफ से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि उन्हें सुकेश से तोहफे लेते समय सावधानी बरतनी चाहिए थी। जस्टिस दत्ता ने स्पष्ट किया कि अगर दोस्त किसी अपराध में शामिल निकला तो मामला मुश्किल हो जाता है
दिल्ली हाई कोर्ट का रुख
दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 जुलाई को भी जैकलीन की इसी तरह की याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ ट्रायल के दौरान ही हो सकता है। इससे साफ है कि जैकलीन की याचिका पर न्यायिक प्रक्रिया अभी जारी है और कोर्ट ने किसी तरह का अपराध साबित नहीं माना।
सोशल मीडिया और तोहफों का विवाद
जैकलीन तब विवादों में आईं जब उनकी और सुकेश चंद्रशेखर की रोमांटिक तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुईं। जांच में सामने आया कि सुकेश ने खुद को बिजनेसमैन बताया और जैकलीन को कई महंगे तोहफे भेजे। जैकलीन ने पुलिस को बयान में कहा कि उन्हें पता नहीं था कि सुकेश एक ठग है। इसके बावजूद, सुकेश जेल से उनके लिए चिट्ठियां और तोहफे भेजता रहा।
वर्तमान स्थिति और ट्रायल
यह मामला अभी सिर्फ जांच और ट्रायल के दायरे में है। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट के फैसलों से स्पष्ट है कि जांच जारी है और आरोपों को ट्रायल से पहले खारिज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में जुड़ाव या संपर्क ही कोर्ट की प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाता है।
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