विपक्ष का एकजुट प्रदर्शन
राजधानी दिल्ली में आज S.I.R. (चुनाव सुधार) के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होकर जोरदार प्रदर्शन किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विभिन्न विपक्षी दलों ने संसद भवन से निर्वाचन सदन तक मार्च निकाला। इस मार्च में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), समाजवादी पार्टी, और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य था चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग और कथित अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाना। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग के साथ मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर और वोट चोरी की है। इस मुद्दे पर संसद में बहस की मांग भी जोर-शोर से उठाई गई।
मिताली बाघ की तबीयत बिगड़ी, राहुल ने दिखाई मानवता
मार्च के दौरान एक अप्रत्याशित घटना घटी जब टीएमसी सांसद मिताली बाघ गर्मी और उमस के कारण बेहोश होकर गिर पड़ीं। जैसे ही राहुल गांधी ने उन्हें गिरते देखा, उन्होंने तुरंत अपना मार्च रोककर उनकी मदद की। राहुल ने तत्परता दिखाते हुए बाघ का हालचाल जाना और उन्हें उठाकर पास खड़ी एक गाड़ी तक पहुंचाया। इस दौरान कई अन्य सांसदों ने भी उनकी मदद में हाथ बटाया। राहुल ने यह सुनिश्चित किया कि बाघ को सुरक्षित रूप से गाड़ी में बैठाया जाए और उनकी देखभाल के लिए भेजा जाए। इस घटना ने राहुल गांधी की संवेदनशीलता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता को दर्शाया, जिसकी सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हुई।
विपक्ष का सरकार पर हमला
प्रदर्शन के दौरान विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बैरिकेडिंग पार कर अपनी नाराजगी जाहिर की, जबकि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार की नीतियों पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने साफ और पारदर्शी मतदाता सूची की मांग दोहराई और कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए स्वच्छ और निष्पक्ष चुनावी प्रक्रिया जरूरी है। विपक्ष ने एकजुट होकर सरकार से जवाबदेही और चुनावी प्रक्रिया में सुधार की मांग की। कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने वीडियो और तथ्यों के जरिए बीजेपी पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया था, जिसे लेकर विपक्ष संसद में चर्चा चाहता है।
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दिल्ली पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत कई विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया। इस कार्रवाई ने प्रदर्शन को और गरमा दिया, क्योंकि विपक्षी नेताओं ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया। हालांकि, विपक्षी दलों ने स्पष्ट किया कि वे अपनी मांगों को लेकर पीछे नहीं हटेंगे और लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। यह प्रदर्शन न केवल S.I.R. के खिलाफ विपक्ष की एकता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि विपक्ष चुनावी सुधारों को लेकर कितना गंभीर है।
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