अलवर में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, शहर बना जलसागर

अलवर में बारिश का कहर: सड़कें बनीं नदी, घर-हॉस्पिटल सब जलमग्न

राजस्थान के अलवर शहर में मंगलवार को मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। बारिश की रफ्तार और तीव्रता इतनी अधिक रही कि कुछ ही घंटों में शहर के कई हिस्से पानी-पानी हो गए। मुख्य सड़कों से लेकर अस्पताल और स्कूल तक जलमग्न हो गए। हालात ऐसे बने कि लोगों को घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया।

शहर के प्रमुख इलाके डूबे, सड़कों पर दो-दो फीट पानी

अलवर के अशोक टॉकीज, मनु मार्ग, घंटाघर, एसएमडी चौराहा, काली मोरी, होप सर्कस और स्वर्ग रोड जैसे प्रमुख बाजार और सार्वजनिक स्थल जलभराव की चपेट में आ गए। सड़कों पर दो फीट तक पानी जमा हो गया जिससे यातायात पूरी तरह बाधित रहा। कई वाहन बीच रास्ते में बंद हो गए, जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

अस्पताल, कॉलोनियों और दुकानों में पानी का प्रवेश

सबसे चिंताजनक स्थिति राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय परिसर में देखी गई जहां एक फीट तक पानी भर गया। अंबेडकर नगर, बिजली घर चौराहा और जेल चौराहा जैसे इलाकों की कॉलोनियों में पानी की निकासी नहीं होने से लोगों के घरों में पानी घुस गया। व्यापारिक क्षेत्रों जैसे चूड़ी मार्केट में दुकानों में पानी भर जाने से व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

एरोड्रम रोड पर ढाई फीट पानी, स्कूलों में सन्नाटा

एरोड्रम रोड पर करीब ढाई फीट तक पानी भर गया। कई बाइक और कारें बंद हो गईं। वहीं ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद जैसे ही स्कूल खुले, बारिश ने वहां भी असर दिखाया। धवाला गांव के सरकारी स्कूल में मुख्य द्वार और कमरे तक पानी में डूबे रहे। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सीमा शर्मा ने बताया कि जल्द जल निकासी की व्यवस्था की जाएगी।

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झरनों पर उमड़ी भीड़, खतरे के बीच मस्ती

अलवर शहर की भौगोलिक बनावट, जो पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है, ने हालात को और विकट बना दिया। पहाड़ियों से भारी मात्रा में पानी नीचे आया और कृष्ण कुंड व सागर जलाशय लबालब हो गए। इन झरनों का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां उमड़ पड़े। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए हैं।

मौसम विभाग की रिपोर्ट: अलवर में सर्वाधिक बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, अलवर में इस सीजन की अब तक की सबसे तेज बारिश रिकॉर्ड की गई है:

  • अलवर शहर: 80 मिमी
  • सोडावास: 52 मिमी
  • रामगढ़: 45 मिमी
  • लक्ष्मणगढ़: 42 मिमी
  • कठूमर: 38 मिमी
  • मालाखेड़ा: 29 मिमी
  • बहादरपुर: 21 मिमी
  • जयसमंद: 16 मिमी

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