September 8, 2025

गोंडा में दर्दनाक हादसा: 11 की मौत, 4 बचे

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार को एक दुखद हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया। सावन के पवित्र महीने में, जब लोग भक्ति और उमंग के साथ मंदिर दर्शन के लिए निकलते हैं, किसी ने नहीं सोचा था कि एक सामान्य यात्रा इतनी बड़ी त्रासदी में बदल जाएगी। इटियाथोक थाना क्षेत्र के बेलवा बहुता गांव के पास एक बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर सरयू नहर में गिर गई। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 4 लोग मुश्किल से बचाए गए। बचाए गए लोगों में एक किशोरवय बच्ची की मार्मिक कहानी ने सभी का दिल दहला दिया।

हादसे का दर्दनाक मंजर

जानकारी के अनुसार, बोलेरो में 15 लोग सवार थे, जो पृथ्वीनाथ शिव मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे। यह गाड़ी 7 सीटर थी, लेकिन उसमें दोगुने से ज्यादा लोग सवार थे। मॉनसून के मौसम में नहर लबालब भरी थी, जिसके कारण गाड़ी के नहर में गिरते ही लोग पानी में डूब गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन भारी भीड़ और पानी के तेज बहाव के कारण केवल 4 लोगों को ही बचाया जा सका। मृतकों में ज्यादातर की मौत दम घुटने से हुई, क्योंकि गाड़ी में जगह की कमी थी। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और आसपास के लोग मदद के लिए दौड़े।

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बच्ची की मार्मिक कहानी

बचाए गए लोगों में एक किशोरवय बच्ची थी, जिसका रो-रोकर बुरा हाल था। उसने बताया, “हम लोग पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। गाड़ी में सब हंस रहे थे, खुशी-खुशी बातें कर रहे थे। अचानक पता नहीं क्या हुआ, सब खत्म हो गया।” वह अपने परिवार की लाशों के पास दहाड़ मारकर रो रही थी। उसकी यह दर्दनाक कहानी सुनकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए। लोगों ने उसे ढांढस बंधाया और उसके गांव व परिवार की जानकारी ली। इस बच्ची की बातें इस हादसे की भयावहता को और गहराई से बयां करती हैं।

प्रशासन का त्वरित रेस्पॉन्स

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंच गया। बचाव कार्य में स्थानीय लोगों का भी सहयोग रहा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए प्रत्येक मृतक के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही, घायलों के इलाज के लिए भी उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

सड़क सुरक्षा पर सवाल

यह हादसा सड़क सुरक्षा और वाहनों में ओवरलोडिंग के मुद्दे को फिर से सामने लाता है। 7 सीटर गाड़ी में 15 लोगों का सफर करना इस त्रासदी का एक बड़ा कारण बना। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और सख्त नियमों का पालन जरूरी है। इस दुखद घटना ने न केवल गोंडा, बल्कि पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है।

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