अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों ब्रिटेन के दौरे पर हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से हुई। दोनों नेताओं के बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई, लेकिन कुछ मामलों में उनकी राय बिल्कुल अलग रही।
फिलिस्तीन स्टेट को मान्यता पर असहमति
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने साफ शब्दों में कहा कि वे फिलिस्तीन स्टेट को मान्यता देने के मामले में प्रधानमंत्री स्टार्मर से असहमत हैं। ट्रंप ने कहा कि यह हमारी गिनी-चुनी असहमतियों में से एक है। वहीं, स्टार्मर का मानना है कि गाज़ा की स्थिति बेहद असहनीय है और अब शांति के लिए ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।
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इमिग्रेशन और ऊर्जा पर मतभेद
ट्रंप ने बातचीत में दो और मुद्दों पर असहमति जताई – पहला, इमिग्रेशन और दूसरा, ऊर्जा नीति। ट्रंप का कहना है कि इमिग्रेशन ब्रिटेन के लिए गंभीर समस्या बन गया है और इसे सख्ती से नियंत्रित करना चाहिए। वहीं, ऊर्जा को लेकर भी उनकी राय स्टार्मर से अलग रही। ट्रंप पारंपरिक ऊर्जा संसाधनों पर निर्भरता बढ़ाने की बात करते हैं, जबकि स्टार्मर हरित ऊर्जा और सतत विकास पर जोर देते हैं।
शांति पर सहमति
हालांकि, मतभेदों के बीच एक ऐसी बात रही जिस पर दोनों नेता सहमत दिखे – और वह है शांति का अंतिम लक्ष्य। प्रधानमंत्री स्टार्मर ने कहा कि गाज़ा में स्थिति असहनीय है और वहां शांति स्थापित करने के लिए रोडमैप बनाना जरूरी है। ट्रंप ने भी स्वीकार किया कि शांति जरूरी है, लेकिन दोनों देशों का तरीका अलग-अलग हो सकता है।
वैश्विक राजनीति पर असर
फिलिस्तीन मुद्दे पर अमेरिका और ब्रिटेन की यह असहमति वैश्विक राजनीति पर असर डाल सकती है। एक ओर जहां ब्रिटेन शांति और मान्यता की ओर कदम बढ़ाने की सोच रहा है, वहीं ट्रंप का रुख फिलिस्तीन को स्टेट का दर्जा देने के खिलाफ है। इससे पश्चिम एशिया में शांति प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है।
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