जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित हजरतबल श्राइन में शुक्रवार को एक गंभीर विवाद खड़ा हो गया। इस ऐतिहासिक दरगाह परिसर में लगी रेनोवेशन पट्टिका पर मौजूद राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) को कुछ लोगों ने नुकसान पहुंचाया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया।शनिवार को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस मामले में 26 लोगों को हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो से यह साफ दिख रहा है कि किन लोगों ने प्रतीक को नुकसान पहुंचाया।
श्रद्धालुओं और नेताओं में नाराज़गी
हजरतबल श्राइन, जिसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जाता है, में इस तरह की घटना से श्रद्धालुओं की भावनाएँ आहत हुईं। स्थानीय लोग और धार्मिक संगठनों ने कहा कि पवित्र स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक के साथ छेड़छाड़ किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।इस बीच पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इस घटना पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर धार्मिक स्थल पर राष्ट्रीय प्रतीक क्यों लगाया गया था और इसकी अनुमति किसने दी।
राजनीतिक विवाद गहराया
यह मामला अब सिर्फ धार्मिक भावनाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक रंग भी ले चुका है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार जानबूझकर धार्मिक स्थलों पर ऐसे प्रतीक लगाकर विवाद पैदा कर रही है। वहीं, सत्ताधारी पक्ष का कहना है कि राष्ट्रीय प्रतीक भारत की अस्मिता और संविधान की पहचान है, और इससे किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक पर हमला करना दरअसल भारत की आत्मा पर हमला है। उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है। जिन लोगों ने राष्ट्रीय प्रतीक से छेड़छाड़ की, उनकी पहचान हो चुकी है। हिरासत में लिए गए 26 लोगों से पूछताछ जारी है और जल्द ही मुख्य आरोपियों को अदालत में पेश किया जाएगा। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की हिंसा या उपद्रव को रोका जा सके।

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