उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हाल ही में दिया गया एक बयान सुर्खियों में आ गया है। अपने इंटरव्यू के दौरान सीएम योगी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कहा कि ‘भारत की राजनीति में बीजेपी के लिए राहुल गांधी जैसे कुछ नमूने जरूर रहने चाहिए। उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
अपने इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी की राजनीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी रणनीति और बयान अक्सर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए फायदेमंद साबित होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी राजनीति कर रहे हैं, उससे बीजेपी को ही मजबूती मिल रही है। उन्होंने मजाकिया लहजे में यह भी कहा कि ऐसे ‘नमूने’ विपक्ष में होने से बीजेपी को चुनावों में अतिरिक्त लाभ मिलता है।
यह भी पढ़ें: Jammu & Kashmir: कठुआ में सेना का सर्च ऑपरेशन जारी, ग्रेनेड बरामद
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ताओं ने इसे राहुल गांधी का अपमान करार दिया और कहा कि बीजेपी उनके बढ़ते जनाधार से घबराई हुई है। वहीं बीजेपी नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी की राजनीति अक्सर विरोधाभासी होती है, जिससे विपक्ष कमजोर होता है।

सोशल मीडिया पर बहस तेज
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। ट्विटर और फेसबुक पर लोग इस बयान पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। बीजेपी समर्थक इसे हास्यजनक और सटीक बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस समर्थक इसे अपमानजनक और अस्वीकार्य मान रहे हैं।
राहुल गांधी पर बीजेपी के तंज
यह पहली बार नहीं है जब बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी पर इस तरह के तंज कसे हैं। इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और कई अन्य भाजपा नेता राहुल गांधी की राजनीति पर सवाल उठा चुके हैं। बीजेपी का मानना है कि राहुल गांधी का नेतृत्व कांग्रेस के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है।
क्या चुनावी रणनीति का हिस्सा है यह बयान?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि योगी आदित्यनाथ का यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। बीजेपी का लक्ष्य अपने समर्थकों को एकजुट करना और कांग्रेस की कमजोरियों को उजागर करना है
संबंधित पोस्ट
हैदराबाद यूनिवर्सिटी विवाद: 400 एकड़ जमीन पर कांग्रेस और BRS के बीच सियासी घमासान
पादरी बजिंदर सिंह को रेप केस में उम्रकैद: क्या यह फैसला पर्याप्त है?
वक्फ संशोधन बिल पर सरकार का शक्ति प्रदर्शन, विपक्ष की उम्मीदें टूटीं