छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के घने अबूझमाड़ जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बड़ी रणनीति के तहत 26 नक्सलियों को ढेर कर दिया। मारे गए नक्सलियों में कई शीर्ष और कैडर लेवल के नेता शामिल बताए जा रहे हैं। पुलिस ने सभी के शव बरामद कर लिए हैं और भारी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए हैं।
यह मुठभेड़ नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा के त्रिकोणीय सीमावर्ती क्षेत्र में हुई, जहां भौगोलिक परिस्थितियां काफी जटिल हैं। इसके बावजूद सुरक्षाबलों ने न केवल साहस का परिचय दिया, बल्कि बड़ी रणनीतिक सफलता भी हासिल की।
खुफिया जानकारी के बाद चला ऑपरेशन
इस अभियान की शुरुआत एक सटीक खुफिया सूचना से हुई। जानकारी मिली थी कि अबूझमाड़ के बोटेर क्षेत्र में नक्सली संगठन का पोलित ब्यूरो सदस्य और महासचिव बसवा राजू मौजूद है, जिसकी सरकार ने 1.5 करोड़ रुपये की इनामी सूची में घोषणा की है। सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों की विशेष टीम ने एक सघन सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बसवा राजू मारे गए नक्सलियों में शामिल है या नहीं। सुरक्षा एजेंसियां शवों की शिनाख्त कर रही हैं और फॉरेंसिक जांच भी शुरू की गई है।
भारी मात्रा में हथियार बरामद
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से एके-47, इंसास राइफल, देशी हथियार, बारूदी सुरंगें, वायरलेस सेट और नक्सली दस्तावेज बरामद किए हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मारे गए नक्सली किसी बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
7 दिन पहले भी हुआ था बड़ा ऑपरेशन
यह मुठभेड़ हालिया समय की दूसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे ठीक सात दिन पहले छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर कर्रेगुट्टा के जंगलों में एक 24 दिन लंबे ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। उस कार्रवाई में 16 महिला और 15 पुरुष नक्सली मारे गए थे।
अबूझमाड़ की यह ताजा कार्रवाई उसी सिलसिले की एक और बड़ी कड़ी मानी जा रही है, जो नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन की सफलता को दर्शाती है।
शीर्ष नक्सली नेटवर्क की तलाश
छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सल नेटवर्क के शीर्ष पर हिड़मा और देवा बारसे जैसे खतरनाक नाम हैं। हिड़मा, नक्सली संगठन की सेंट्रल कमेटी का हिस्सा है और अब तक टॉप-2 लीडरशिप में शामिल होने वाला एकमात्र छत्तीसगढ़ी नक्सली माना जाता है। वहीं, देवा बारसे को DVCM से प्रमोट कर DKSZCM कैडर का कमांडर बनाया गया है।
आगे की रणनीति
राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबल अब पूरे क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि कोई भी नक्सली बच न सके। अधिकारी लगातार संपर्क में हैं और घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजे गए हैं।
यह मुठभेड़ न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि नक्सल नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसी तरह से ऑपरेशन जारी रहे, तो आने वाले समय में नक्सलवाद की कमर पूरी तरह टूट सकती है।
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