भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर चरम पर है। दोनों देशों के बीच सहमति के बावजूद, पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें लगातार जारी हैं। भारतीय सेना ने पिछले तीन दिनों में कई आतंकियों को ढेर किया है, जिससे पाकिस्तान की मंशा को करारा जवाब मिला है। इस बीच, कर्नाटक के कारवार पोर्ट पर एक इराकी कार्गो जहाज के मामले ने सुर्खियां बटोरीं, जहां एक पाकिस्तानी नागरिक को सुरक्षा कारणों से उतरने की अनुमति नहीं दी गई।
कारवार पोर्ट पर सख्ती: पाकिस्तानी और सीरियाई स्टाफ को अनुमति नहीं
हाल ही में, इराक के अल जुबैर से एक कार्गो जहाज कर्नाटक के कारवार पोर्ट पर पहुंचा। इस जहाज पर 15 भारतीय, दो सीरियाई और एक पाकिस्तानी स्टाफ मौजूद था। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए, भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तानी और सीरियाई स्टाफ को पोर्ट पर उतरने की इजाजत नहीं दी। जहाज से माल तो उतार लिया गया, लेकिन दोनों विदेशी स्टाफ को दो दिनों तक जहाज पर ही रहना पड़ा। यह कदम भारत की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ बढ़ती सख्ती को दर्शाता है, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकी ठिकानों पर करारा प्रहार
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की। इस ऑपरेशन के तहत, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को हक्का-बक्का कर दिया। जवाब में, पाकिस्तान ने कई भारतीय शहरों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारत की सतर्कता के चलते वह अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सका। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा पर प्रतिबंध लगा दिया, जिसके चलते कारवार पोर्ट पर पाकिस्तानी स्टाफ को उतरने की अनुमति नहीं मिली।
सिंधु जल संधि पर रोक और पाकिस्तान की धमकियां
पहलगाम हमले के बाद भारत ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया। यह संधि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का आधार रही है, और इसके निलंबन ने पाकिस्तान को और बौखला दिया। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने कई बार परमाणु हमले की धमकी दी है। हालांकि, भारत ने इन धमकियों को गंभीरता से लेते हुए अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत किया है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को उजागर किया है, जिससे उसकी वैश्विक छवि को गहरा नुकसान पहुंचा है।
भारत की रणनीति और भविष्य की दिशा
भारत का यह सख्त रुख दर्शाता है कि वह अब आतंकवाद और सीमा पार से होने वाली घुसपैठ के खिलाफ कोई ढील नहीं बरतेगा। ऑपरेशन सिंदूर और कारवार पोर्ट जैसी घटनाएं भारत की मजबूत नीति का हिस्सा हैं। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि उसकी आतंकवादी गतिविधियां अब बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। भारत ने न केवल सैन्य कार्रवाई बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चों पर भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है।
वर्तमान परिस्थितियों में, भारत की जनता और सेना दोनों एकजुट होकर देश की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं। पाकिस्तान को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करना होगा, वरना वह और अलग-थलग पड़ सकता है। भारत की यह रणनीति न केवल आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है, बल्कि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए भी जरूरी है।
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