हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश, तूफान और तेज हवाओं ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के कई जिलों के लिए मौसम अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश, ओलावृष्टि, तूफान और तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है। मंडी सहित ऊना, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर जैसे सात जिलों के लिए 19 मई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, कुछ जिलों के लिए येलो अलर्ट भी जारी हुआ है, जिसमें तूफान, बिजली, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से सावधान रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, 21 मई तक मध्य पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बारिश और ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है।
मंडी में बारिश और तूफान का प्रभाव
मंडी जिले में भारी बारिश और तूफान के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। तेज हवाओं और ओलावृष्टि ने स्थानीय लोगों और प्रशासन के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं। बारिश के कारण बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है, जिससे कई क्षेत्रों में अंधेरा छा सकता है। इसके अलावा, यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि सड़कों पर पानी भरने और भूस्खलन की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे घरों के अंदर रहें और भूस्खलन या बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर रहें। खराब मौसम के कारण सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार और आपातकालीन तैयारियां
हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है। आपातकालीन प्रतिक्रिया दलों को किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए तैयार रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और सुरक्षा नियमों का पालन करें। खासकर, नदी-नालों के किनारे और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। स्थानीय प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर लोग तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें।
कुल्लू से अच्छी खबर: लारजी प्रोजेक्ट फिर शुरू
इस बीच, कुल्लू जिले से एक राहत भरी खबर भी सामने आई है। 126 मेगावाट का लारजी हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट, जो पिछले साल 9 और 10 जुलाई को ब्यास नदी में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गया था, अब पूरी तरह से ठीक कर लिया गया है। रविवार को जारी एक सरकारी बयान में बताया गया कि यह प्रोजेक्ट अब फिर से शुरू हो गया है। यह परियोजना न केवल बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है। इस प्रोजेक्ट के दोबारा शुरू होने से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार होगा और लोगों को राहत मिलेगी।
सुरक्षा और सावधानियां
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान विशेष सावधानी बरतें। घर से बाहर निकलने से पहले मौसम की ताजा जानकारी लें और अनावश्यक यात्रा से बचें। बिजली गिरने की स्थिति में पेड़ों या खुले मैदानों में न रुकें। साथ ही, भूस्खलन और बाढ़ संभावित क्षेत्रों से दूर रहें। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को ओलावृष्टि से बचाने के लिए उचित कदम उठाएं। यह भी सुझाव दिया गया है कि लोग अपने घरों में आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, बैटरी, पानी और जरूरी दवाइयां शामिल हों।
हिमाचल प्रदेश में मौसम की यह स्थिति कुछ दिनों तक बनी रह सकती है। इसलिए, सभी नागरिकों को सतर्क और सुरक्षित रहने की जरूरत है। मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
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