भारत में कोरोना वायरस के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 30 मई तक देश में कोविड-19 के 2710 मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले पांच दिनों में 1700 नए मामले सामने आए, जो अब बढ़कर 2700 के पार पहुंच गए हैं। एक सप्ताह पहले यह आंकड़ा केवल 752 था, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य
विभिन्न राज्यों में कोरोना के मामलों की स्थिति अलग-अलग है। केरल में 1147, महाराष्ट्र में 424, और दिल्ली में 294 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा, गुजरात (223), तमिलनाडु (148), कर्नाटक (148), पश्चिम बंगाल (116), और राजस्थान (51) जैसे राज्यों में भी मामले बढ़ रहे हैं। अन्य राज्यों में आंध्र प्रदेश (16), हरियाणा (20), पुडुचेरी (35), और उत्तर प्रदेश (42) में भी नए मामले सामने आए हैं। कुछ राज्यों जैसे अरुणाचल प्रदेश (3), असम (2), और मिजोरम (2) में मामले कम हैं, लेकिन सतर्कता जरूरी है।
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सक्रिय मामलों में वृद्धि
केरल में सक्रिय मामलों में 355, महाराष्ट्र में 153, और दिल्ली में 24 की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, महाराष्ट्र में 4 और कर्नाटक में 1 मौत भी हुई है। दिल्ली में भी एक महिला की मौत की खबर है। हालांकि, कई राज्यों में कोई नई मौत नहीं हुई है, जो राहत की बात है।
कोरोना से रिकवरी की स्थिति
महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं। महाराष्ट्र में 8,29,849, केरल में 6,84,927, और आंध्र प्रदेश में 2,32,635 लोग कोरोना से उबर चुके हैं। यह दर्शाता है कि इन राज्यों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावी ढंग से काम कर रही हैं।
सबसे ज्यादा मौतें
कोरोना की पहली लहर से अब तक सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र (1,48,606), तमिलनाडु (38,086), और कर्नाटक (40,412) में हुई हैं। ये आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि इन राज्यों में महामारी का प्रभाव गंभीर रहा है।
नए मामलों का विवरण
19 मई के बाद कई राज्यों में नए मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात (76), कर्नाटक (34), राजस्थान (11), हरियाणा (8), आंध्र प्रदेश (4), तमिलनाडु (3), मध्य प्रदेश (2), छत्तीसगढ़ (1), गोवा (1), और तेलंगाना (1) में नए मरीज मिले हैं। यह स्थिति सावधानी और जागरूकता की मांग करती है।
आगे की राह
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार और स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं। लोगों से मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और टीकाकरण कराने की अपील की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय पर जांच और उपचार से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।
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