भारत का आतंकवाद विरोधी मिशन: थरूर के नेतृत्व में ब्राजील में प्रतिनिधिमंडल

कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल इन दिनों ब्राजील में है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ कठोर नीति को वैश्विक मंच पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल पनामा, गुयाना और कोलंबिया की यात्रा के बाद रविवार को ब्राजील पहुंचा। इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य भारत की वैश्विक पहुंच को मजबूत करना और आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति को विश्व समुदाय तक पहुंचाना है। थरूर ने स्पष्ट किया कि यह मिशन भारत की एकजुटता और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। ब्राजील के बाद यह प्रतिनिधिमंडल अगले सप्ताह अमेरिका की यात्रा पर जाएगा, जहां यह अपनी बात को और मजबूती से रखेगा।

थरूर का आलोचनाओं पर जवाब

इस मिशन को लेकर भारत में, विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी के भीतर, कुछ आलोचनाएं सामने आई हैं। कुछ नेताओं ने थरूर की नियुक्ति और प्रतिनिधिमंडल के चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। जब इस बारे में शशि थरूर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “एक संपन्न लोकतंत्र में टिप्पणियां और आलोचनाएं स्वाभाविक हैं। लेकिन इस समय हमारा ध्यान केवल अपने मिशन पर केंद्रित है। भारत वापस लौटने पर हमारे पास अपने सहकर्मियों, आलोचकों और मीडिया से बात करने का पर्याप्त समय होगा।” थरूर का यह बयान उनकी प्राथमिकता को स्पष्ट करता है कि वह इस मिशन को किसी भी विवाद से प्रभावित नहीं होने देना चाहते।

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कांग्रेस की आपत्ति और राजनीतिक विवाद

कांग्रेस पार्टी ने इस प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व के लिए शशि थरूर की नियुक्ति का खुलकर स्वागत नहीं किया। पार्टी का दावा है कि केंद्र सरकार ने प्रतिनिधिमंडल के चयन में उनके द्वारा सुझाए गए नामों को नजरअंदाज किया। इस मुद्दे ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस को जन्म दिया है। इस बीच, कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के एक विवादित बयान ने स्थिति को और जटिल कर दिया। रमेश ने कहा, “हमारे सांसद घूम रहे हैं और आतंकी भी घूम रहे हैं।” इस बयान पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे “शर्मनाक, निंदनीय और निरर्थक” करार दिया। पूनावाला ने संसद की विशेषाधिकार समिति से इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

मिशन का वैश्विक महत्व

यह प्रतिनिधिमंडल भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति को न केवल ब्राजील, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा है। थरूर का नेतृत्व और उनकी कूटनीतिक क्षमता इस मिशन को और मजबूती प्रदान कर रही है। यह यात्रा भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को और सशक्त करने की दिशा में काम कर रहा है।

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