पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार ने शानदार प्रदर्शन दिखाया, जिसके पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारक जिम्मेदार रहे। भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक वार्ता में सहमति, और यूक्रेन-रूस के बीच युद्धबंदियों की अदला-बदली ने निवेशकों में विश्वास जगाया। इसके साथ ही, क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लगातार खरीदारी ने बाजार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब सवाल यह है कि 19 मई से शुरू होने वाले नए कारोबारी हफ्ते में बाजार का रुख कैसा रहेगा? आइए, इसके प्रमुख कारकों पर नजर डालते हैं।
तिमाही नतीजों का प्रभाव
19 मई से मार्च तिमाही के नतीजे घोषित होने शुरू होंगे, जिसमें 700 से अधिक कंपनियां अपने वित्तीय परिणाम जारी करेंगी। इनमें प्रमुख नाम जैसे इंडसइंड बैंक, ओएनजीसी, आईटीसी, सन फार्मास्युटिकल्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज और निफ्टी 50 शामिल हैं। इन कंपनियों के प्रदर्शन का बाजार पर सीधा असर होगा। मजबूत नतीजे निवेशकों का भरोसा बढ़ा सकते हैं, जबकि कमजोर परिणाम बाजार में उतार-चढ़ाव ला सकते हैं। खासकर, बैंकिंग, ऊर्जा, फार्मा और धातु क्षेत्र की कंपनियों के नतीजों पर निवेशकों की नजर रहेगी।
क्रूड ऑयल की कीमतें और अर्थव्यवस्था
क्रूड ऑयल की कीमतों पर लगातार नजर रखी जा रही है, क्योंकि भारत जैसे आयातक देशों के लिए कम कीमतें आर्थिक स्थिरता के लिए फायदेमंद हैं। हाल ही में क्रूड ऑयल की कीमतों में आई गिरावट ने बाजार को सहारा दिया है। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने से इसमें और कमी की उम्मीद है। कम क्रूड कीमतें मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और कॉरपोरेट लाभ को बढ़ाने में मदद करती हैं, जो शेयर बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।
वैश्विक आर्थिक आंकड़े और भू-राजनीतिक कारक
वैश्विक स्तर पर जारी होने वाले आर्थिक आंकड़े भी बाजार की दिशा तय करेंगे। कई देशों के पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) डेटा, चीन के आर्थिक आंकड़े, और यूरोजोन व जापान की महंगाई दर पर निवेशकों की नजर रहेगी। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की कि वे आने वाले हफ्तों में व्यापारिक साझेदार देशों के साथ बातचीत के बाद नए टैरिफ दरों का ऐलान करेंगे। अमेरिका और चीन के बीच जेनेवा में हुए व्यापार समझौते ने वैश्विक बाजार में सकारात्मक माहौल बनाया है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी दिख सकता है।
विदेशी निवेशकों का रुख
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का रुख बाजार के लिए अहम रहेगा। पिछले हफ्ते एफआईआई ने 15,925 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिसके चलते मई में उनकी कुल खरीदारी 23,783 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। भारत की मजबूत जीडीपी वृद्धि, जो 6% से अधिक है, और दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में इसकी स्थिति, निवेशकों को आकर्षित कर रही है। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव में कमी ने भी निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।
बाजार की संभावनाएं
19 मई से शुरू होने वाला हफ्ता कई मायनों में महत्वपूर्ण होगा। तिमाही नतीजों के अलावा, वैश्विक और घरेलू कारक बाजार की दिशा तय करेंगे। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे प्रमुख कंपनियों के नतीजों, क्रूड ऑयल की कीमतों, और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों पर नजर रखें। हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहेगी, लेकिन मजबूत आर्थिक बुनियाद और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते भारतीय शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद की जा रही है।
संबंधित पोस्ट
रेलवे का नया RailOne ऐप: अब ट्रेन टिकट बुकिंग से रियल टाइम ट्रैकिंग सब कुछ आसान
BSNL को बड़ा झटका: MP पुलिस के 80,000 नंबर होंगे Airtel में पोर्ट
बांग्लादेश ने अडानी पावर को किया 38.4 करोड़ डॉलर का भुगतान, बकाया राशि में आई राहत