रक्षा मंत्री: पीओके जल्द होगा भारत का हिस्सा

29 मई 2025 को भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक दशक पहले भारत का रक्षा निर्यात 1,000 करोड़ रुपये से भी कम था, जो अब बढ़कर 23,500 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि भारत के ‘मेक-इन-इंडिया’ अभियान की सफलता का प्रतीक है। सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की स्वदेशी रक्षा प्रणालियों ने वैश्विक मंच पर अपनी ताकत और क्षमता का प्रदर्शन किया है। यह केवल रक्षा उपकरणों का निर्माण नहीं, बल्कि अगली पीढ़ी की युद्ध प्रौद्योगिकियों की तैयारी भी है। भारत एक मजबूत और भविष्य के लिए तैयार रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है, जो देश को वैश्विक स्तर पर और सशक्त बनाएगा।

पीओके के साथ भारत का अटूट सांस्कृतिक बंधन

रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक और भावनात्मक रिश्ते पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत हमेशा दिलों को जोड़ने की बात करता है, उन्हें तोड़ने की नहीं।” सिंह ने विश्वास जताया कि पीओके के लोग भारत के साथ गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं और केवल कुछ लोग ही गुमराह हैं। उन्होंने पीओके के लोगों की तुलना महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह से की, जो भौगोलिक और राजनीतिक रूप से अलग होने के बावजूद दिल से भारत के साथ हैं। सिंह ने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब पीओके खुद ही भारत में वापस लौट आएगा और कहेगा, ‘मैं भारत हूं, मैं वापस आया हूं।'” यह विश्वास भारत की एकता और साझा विरासत के दृष्टिकोण पर आधारित है।

आतंकवाद पर कड़ा रुख और बातचीत का नया दायरा

आतंकवाद के मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने चेतावनी दी कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को भारी कीमत चुकानी पड़ती है, जैसा कि पाकिस्तान को अब अनुभव हो रहा है। सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के दायरे को फिर से परिभाषित किया है। अब बातचीत केवल आतंकवाद और पीओके के मुद्दों पर केंद्रित होगी। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति को नया स्वरूप दिया है। पीओके के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं।” यह बयान भारत की दृढ़ नीति और एकता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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एक भारत, श्रेष्ठ भारत का संकल्प

रक्षा मंत्री ने “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि पीओके के एकीकरण की नींव है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का लक्ष्य न केवल अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना है, बल्कि अपने लोगों के दिलों को जोड़ना भी है। पीओके का भारत में एकीकरण केवल समय की बात है, क्योंकि यह सांस्कृतिक और भावनात्मक बंधनों पर आधारित है। भारत का यह दृष्टिकोण एकता, प्रेम और साझा विरासत पर केंद्रित है, जो इसे वैश्विक मंच पर और अधिक शक्तिशाली बनाता है।

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