August 28, 2025

शशि थरूर का केरल के लिए आर्थिक सुधार का रोडमैप: निवेश और विकास पर जोर

केरल की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने की जरूरत

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने केरल की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि केरल को निवेशकों और कारोबारियों के लिए आकर्षक बनाना समय की मांग है। ईटी वर्ल्ड लीडर्स फोरम में बोलते हुए थरूर ने कहा कि यदि वह राज्य की आर्थिक स्थिति को सुधारने में योगदान दे पाए, तो यह उनके लिए किसी भी राजनीतिक पद से कहीं अधिक सार्थक होगा। उनके इस बयान को कांग्रेस पार्टी के भीतर और बाहर कई संदर्भों में देखा जा रहा है। थरूर ने केरल की आर्थिक चुनौतियों को उजागर करते हुए निवेशकों के हितों की रक्षा और कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने पर जोर दिया।

निवेशक संरक्षण अधिनियम की मांग

शशि थरूर ने केरल में निवेशकों के लिए एक मजबूत ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में एक इन्वेस्टर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना चाहिए, जो निवेशकों को यह भरोसा दिलाए कि उनका पैसा सुरक्षित है। थरूर ने कहा, “निवेशक को यह विश्वास होना चाहिए कि उसका निवेश राजनेताओं, नौकरशाहों या ट्रेड यूनियनों की वजह से खतरे में नहीं पड़ेगा।” उन्होंने हड़तालों पर रोक लगाने और 90 प्रतिशत अनावश्यक नियमों को हटाने की वकालत की, ताकि कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा मिले। थरूर का मानना है कि इन कदमों से केरल में उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

केरल की आर्थिक चुनौतियां

थरूर ने केरल की आर्थिक स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि राज्य भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। उन्होंने मौजूदा आर्थिक ढांचे में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया। उनके अनुसार, केरल की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए नीतिगत सुधार और निवेशक-अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है। थरूर ने सुझाव दिया कि अनावश्यक नियम-कायदों को हटाकर और हड़तालों को नियंत्रित करके राज्य में कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे न केवल स्थानीय उद्यमियों को फायदा होगा, बल्कि बाहरी निवेशकों का भरोसा भी बढ़ेगा।

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क्या शशि थरूर बनना चाहते हैं मुख्यमंत्री?

केरल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शशि थरूर के बयानों को कांग्रेस पार्टी के भीतर अलग-अलग नजरिए से देखा जा रहा है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं, तो थरूर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी किसी पद की लालसा नहीं की। उन्होंने कहा, “मुझे हमेशा लोगों ने किसी काम के लिए बुलाया है, और मैंने उनकी सेवा की है।” थरूर ने यह भी उल्लेख किया कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उनकी उम्मीदवारी भी पार्टी नेताओं के सुझाव पर थी, न कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा से।

कांग्रेस के लिए ‘करो या मरो’ की स्थिति

केरल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में है। दूसरी ओर, कांग्रेस के लिए यह चुनाव ‘करो या मरो’ की स्थिति है। पार्टी के भीतर इस बात पर चर्चा तेज है कि चुनाव में किसे नेतृत्व सौंपा जाए। शशि थरूर के अलावा वीडी सतीसन, केसी वेणुगोपाल और रमेश चेन्नीथला जैसे नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। थरूर के आर्थिक सुधारों और निवेशक-अनुकूल नीतियों पर जोर को कांग्रेस के लिए एक नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।

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