November 13, 2025

पाकिस्तान में फर्जी फुटबॉल टीम का भंडाफोड़, जापान में मानव तस्करी का खुलासा

पाकिस्तान से आई एक खबर ने सबको चौंका दिया है। यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। दरअसल, एक पूरी नकली फुटबॉल टीम बनाकर लोगों को जापान भेजा गया। यह मामला दरअसल मानव तस्करी का बड़ा रैकेट निकला, जिसका भंडाफोड़ पाकिस्तान की जांच एजेंसी FIA ने किया।

नकली टीम और फर्जी कागज़ात

जांच एजेंसी के अनुसार, कुल 22 लोग प्रोफेशनल जर्सी पहनकर और फर्जी डॉक्यूमेंट्स के साथ जापान पहुंचे। ये लोग खुद को पाकिस्तान फुटबॉल फेडरेशन से जुड़ा खिलाड़ी बता रहे थे और उनके पास विदेश मंत्रालय का फर्जी NOC भी मौजूद था। लेकिन जापान के इमीग्रेशन अधिकारियों को उनकी कहानी पर शक हुआ। पूछताछ में जब गोलमोल जवाब मिले, तो पूरा मामला खुल गया और सभी को हिरासत में ले लिया गया।

जापान से डिपोर्ट और FIA की कार्रवाई

जापानी अधिकारियों ने 22 फर्जी खिलाड़ियों को तुरंत डिपोर्ट कर दिया। पाकिस्तान लौटने पर FIA ने उन्हें हिरासत में लिया और पूछताछ की। जांच में सामने आया कि यह पूरी योजना सियालकोट के पसरूर निवासी मलिक वकास ने बनाई थी। उसने ‘गोल्डन फुटबॉल ट्रायल’ नाम से एक नकली क्लब बनाया और हर व्यक्ति से 40 से 45 लाख रुपये लेकर जापान भेजने का वादा किया।

पहले भी कर चुका था तस्करी

FIA के मुताबिक, यह मलिक वकास का पहला कारनामा नहीं है। जनवरी 2024 में भी उसने 17 लोगों को इसी तरह जापान भिजवाया था। आज तक वे लोग वापस नहीं लौटे हैं और उनका कोई अता-पता नहीं है। यह खुलासा इस पूरे रैकेट की गंभीरता और खतरनाक सच्चाई को उजागर करता है।

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस मामले ने पाकिस्तान के एयरपोर्ट सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर इतने सारे लोग, फर्जी कागज़ात और नकली पहचान के साथ एयरपोर्ट से कैसे निकल गए? क्या सुरक्षा एजेंसियों ने आंखें मूंद ली थीं या फिर इस पूरी साज़िश में अंदरखाने मिलीभगत थी?

खेल और तस्करी का काला सच

फुटबॉल जैसे लोकप्रिय खेल का इस्तेमाल तस्करी के लिए होना बेहद चिंताजनक है। जहां खेल को दुनिया जोड़ने का जरिया माना जाता है, वहीं पाकिस्तान में कुछ लोग इसे अवैध धंधे का माध्यम बना रहे हैं। FIA ने मलिक वकास को गिरफ्तार कर लिया है और उस पर कई मामले दर्ज किए गए हैं।

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