भारतीय सिनेमा के बेबाक फिल्ममेकर अनुराग कश्यप हमेशा अपने अनोखे अंदाज़ और साफगोई भरे बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। इस बार भी उन्होंने अपनी नई फिल्म ‘निशानची’ को लेकर खुलकर बात की और साथ ही मुंबई (बॉम्बे) छोड़ने के फैसले पर भी अपने विचार साझा किए।
‘निशानची’ बनाने का मक़सद
अनुराग कश्यप ने साफ कहा कि उनकी नई फिल्म ‘निशानची’ को बनाने का असली उद्देश्य यही था कि लोग उन्हें सिर्फ ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ तक सीमित न करें। उनका मानना है कि दर्शक अब उन्हें एक नए नज़रिए से देखें। उन्होंने कहा कि हर कलाकार चाहता है कि उसकी पहचान सिर्फ एक फिल्म तक न सिमटकर, उसके पूरे काम से बने।
गैंग्स ऑफ वासेपुर की छाप
अनुराग कश्यप ने अपने करियर में कई चर्चित फिल्में दीं, लेकिन ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी कल्ट क्लासिक ने उनके नाम को हमेशा के लिए एक खास पहचान दी। हालांकि, यही वजह रही कि दर्शक उन्हें लगातार उसी फिल्म के चश्मे से देखने लगे। अनुराग अब इस छवि से बाहर निकलकर नई कहानियों के ज़रिए अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
बॉम्बे छोड़ने पर बेबाकी
अपनी निजी जिंदगी पर बात करते हुए अनुराग कश्यप ने कहा जबसे मैंने बॉम्बे छोड़ा है, मैं बेहद खुश हूं।उन्होंने खुलकर स्वीकार किया कि मुंबई छोड़ने के बाद उन्हें एक तरह की मानसिक शांति मिली है। उनका कहना है कि ज़िंदगी अब पहले से ज्यादा सुकून भरी और संतुलित लगती है।
प्रशंसकों को भाया अंदाज़
अनुराग कश्यप का यह बेबाक और बिना लाग-लपेट वाला अंदाज़ उनके प्रशंसकों को खूब पसंद आ रहा है। जैसे उनकी फिल्में दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं, वैसे ही उनके बयान भी लोगों को गहराई से सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
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