ऐपल वॉच की सीक्रेट जानकारी चुराने का इल्ज़ाम
टेक दिग्गज ऐपल ने अपनी ही कंपनी के पूर्व कर्मचारी डॉ. चेन शी और चीनी स्मार्टफोन निर्माता ओपो के खिलाफ अमेरिका की कैलिफोर्निया अदालत में मुकदमा दायर किया है। ऐपल का दावा है कि चेन शी ने कंपनी छोड़ने से पहले ऐपल वॉच की हेल्थ सेंसर तकनीक से जुड़ी गोपनीय जानकारी चुराई और इसे ओपो के साथ साझा किया। यह तकनीक ऐपल वॉच को बाजार में अनूठा बनाती है। ऐपल का कहना है कि इस घटना से उनकी बौद्धिक संपदा को नुकसान पहुंचा और ओपो को अनुचित लाभ मिला।
चेन शी की भूमिका और आरोप
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, चेन शी ऐपल वॉच की सेंसर सिस्टम आर्किटेक्चर टीम का हिस्सा थे। ऐपल ने आरोप लगाया है कि जून में कंपनी छोड़ने से पहले चेन ने 63 गोपनीय दस्तावेज डाउनलोड किए। ये दस्तावेज ऐपल वॉच की हेल्थ सेंसर तकनीक से संबंधित थे। इसके अलावा, चेन ने ऐपल की तकनीकी टीम के साथ कई मीटिंग्स में हिस्सा लिया और रिसर्च से जुड़ी संवेदनशील जानकारी इकट्ठा की। ऐपल का दावा है कि चेन ने यह सब चीनी स्मार्टफोन कंपनी ओपो के लिए किया, जो ऐपल की प्रतिद्वंद्वी है।
ओपो के साथ साजिश के सबूत
ऐपल ने अपने मुकदमे में खुलासा किया कि चेन शी और ओपो के बीच साजिश के पुख्ता सबूत हैं। चेन ने ओपो के एक वरिष्ठ अधिकारी को मैसेज में लिखा, “मैं जितना हो सके उतनी जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं।” जवाब में ओपो के अधिकारी ने कहा, “ठीक है।” ऐपल का कहना है कि चेन ने कंपनी छोड़ने का कारण अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए चीन जाना बताया था, लेकिन इसके बजाय उन्होंने ओपो की सिलिकॉन वैली ब्रांच में नौकरी शुरू कर दी। यह कदम ऐपल के लिए संदेहास्पद रहा और मुकदमे का आधार बना।
यह भी पढ़ें : ग्रेटर नोएडा में दहेज की मांग पर महिला को जिंदा जलाया गया, पति और सास पर आरोप
ओपो का जवाब: आरोपों का खंडन
ओपो ने ऐपल के सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। कंपनी का कहना है कि उन्हें चेन शी की किसी भी गलत गतिविधि का कोई सबूत नहीं मिला। ओपो ने अपने बयान में कहा, “हम सभी कंपनियों की बौद्धिक संपदा का सम्मान करते हैं, जिसमें ऐपल भी शामिल है। हमने ऐपल की किसी भी गोपनीय जानकारी का दुरुपयोग नहीं किया।” ओपो ने यह भी कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया में पूरा सहयोग करेंगे और उम्मीद करते हैं कि अदालत में सच सामने आएगा।
ऐपल का इतिहास: पहले भी लगाए ऐसे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब ऐपल ने अपने पूर्व कर्मचारियों या प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर इस तरह के आरोप लगाए हैं। हाल के वर्षों में, ऐपल ने कई मुकदमे दायर किए हैं, जिनमें पूर्व कर्मचारियों पर बौद्धिक संपदा चोरी का इल्ज़ाम लगाया गया है। उदाहरण के लिए, ऐपल के इलेक्ट्रिक व्हीकल प्रोजेक्ट पर काम करने वाले तीन पूर्व इंजीनियरों पर भी चीन को गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में केस चल रहा है। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि ऐपल अपनी तकनीकी गोपनीयता को लेकर कितना सख्त रवैया अपनाता है।
संबंधित पोस्ट
भारत-चीन व्यापार फिर से शुरू: शिपकी-ला के रास्ते नई शुरुआत
छिंदवाड़ा को मिलेगी फोरलेन हाईवे की सौगात: विकास को लगेंगे पंख
ऐपल का अमेरिका में 100 अरब डॉलर का निवेश: भारत पर क्या होगा असर?