October 23, 2025

पहलगाम में अतुल कुलकर्णी का दौरा, आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का आह्वान

भारतीय सिनेमा के प्रमुख अभिनेता अतुल कुलकर्णी, जिनकी अदाकारी ने उन्हें सिनेमा जगत में एक विशेष पहचान दिलाई है, हाल ही में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कश्मीर के लिए साहस और एकजुटता का आह्वान किया। कुलकर्णी ने कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने और पर्यटन के माध्यम से राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देने की अपील की। उनका यह संदेश कश्मीर की शांति और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।

कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता

कश्मीर, जिसे कभी ‘स्वर्ग का टुकड़ा’ कहा जाता था, आज भी अपने प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद और अस्थिरता के कारण कश्मीर का पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में गिरावट ने न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचाया, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवनयापन पर भी गहरा असर डाला।

अतुल कुलकर्णी ने इस पर जोर देते हुए कहा कि कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना और कश्मीर के पर्यटन को पुनर्जीवित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, “अगर हम आतंकवाद के खिलाफ साहस नहीं दिखाएंगे, तो हम किसके लिए साहस दिखाएंगे?” कुलकर्णी ने यह भी बताया कि कश्मीर में पर्यटन के माध्यम से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

कश्मीर को समर्थन देने का आह्वान

कुलकर्णी ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा, “कश्मीर के लोग वर्षों से आतंकवाद और अस्थिरता के दौर से गुजर रहे हैं। अब समय आ गया है कि हम सब कश्मीर को समर्थन देने के लिए एकजुट हों।” उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर को फिर से एक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने के लिए हमें अपने दृष्टिकोण और साहस को बदलने की जरूरत है। कुलकर्णी का यह संदेश कश्मीर के लिए एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लोग इसे अपनी यात्रा का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित होंगे।

कुलकर्णी ने कश्मीर के स्थानीय लोगों से भी मिलकर उनके दर्द को सुना और उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने स्थानीय कारोबारियों और पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों से बातचीत करते हुए कहा कि कश्मीर के विकास के लिए एकजुटता आवश्यक है। उनके अनुसार, यदि हम आतंकवाद के खिलाफ खड़े होते हुए कश्मीर को पर्यटन की ओर फिर से मोड़ सकते हैं, तो यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि राज्य के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

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कश्मीर में शांति की दिशा में कदम

कुलकर्णी ने इस मौके पर कश्मीर में शांति की दिशा में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा, “हमें कश्मीर में शांति लाने के लिए अपनी मानसिकता और दृष्टिकोण को बदलने की जरूरत है। कश्मीर के लोग शांति, समृद्धि और विकास चाहते हैं। हम सभी को यह समझने की जरूरत है कि कश्मीर के विकास के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।” उन्होंने राज्य के युवाओं से आह्वान किया कि वे कश्मीर को शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए अपना योगदान दें।

अतुल कुलकर्णी ने आतंकवादियों के कायरतापूर्ण हमलों की कड़ी निंदा की और कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि हम सबको यह समझने की जरूरत है कि आतंकवाद केवल एक छोटे से समूह का काम नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता के खिलाफ एक अपराध है। उनका मानना है कि आतंकवाद को हराने के लिए हमें समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना होगा।

स्थानीय संस्कृति और विरासत की सराहना

अतुल कुलकर्णी ने कश्मीर की स्थानीय संस्कृति और विरासत की सराहना करते हुए कहा, “कश्मीर की संस्कृति और विरासत अत्यधिक समृद्ध है और हमें इसे दुनिया के सामने लाने की जरूरत है। कश्मीर के लोग अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बहुत गर्व से जीते हैं, और यह हम सभी का कर्तव्य है कि हम इसे संरक्षित करें और पूरी दुनिया को दिखाएं।”

कुलकर्णी ने कश्मीर के प्राकृतिक सौंदर्य, वहां के ऐतिहासिक स्थल, पारंपरिक कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर को पर्यटन के नए दौर में प्रवेश करने के लिए इसे अपनी संस्कृति और विरासत को सम्मान देना होगा और दुनिया के साथ इसे साझा करना होगा।

कश्मीर में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता

कुलकर्णी ने इस अवसर पर कहा, “हमारे देश को कश्मीर से एक सकारात्मक संदेश भेजने की जरूरत है। यदि हम कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, तो यह न केवल राज्य के विकास में मदद करेगा, बल्कि पूरे देश में एक सकारात्मक बदलाव लाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में पर्यटन के विस्तार से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

कुलकर्णी ने कश्मीर को एक पर्यटक स्थल के रूप में फिर से स्थापित करने के लिए एकजुट प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि यदि सभी लोग कश्मीर के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझेंगे और इसे पर्यटन के माध्यम से सहारा देंगे, तो कश्मीर को फिर से शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।

अतुल कुलकर्णी का पहलगाम दौरा और उनका आतंकवाद के खिलाफ साहस और कश्मीर के पर्यटन को बढ़ावा देने का आह्वान एक महत्वपूर्ण संदेश है। उनका यह बयान केवल कश्मीर के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने और कश्मीर को एक बार फिर से शांति और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। इस संदेश को फैलाकर हम कश्मीर को एक नई दिशा में आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।

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