राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित RUHS अस्पताल से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह वीडियो हाल ही में आयोजित सेवा पखवाड़ा का है। कार्यक्रम के दौरान मरीजों को फल और बिस्किट बांटे जा रहे थे, लेकिन इसी बीच एक घटना ने पूरे आयोजन पर सवाल खड़े कर दिए।
महिला कार्यकर्ता और बिस्किट पैकेट विवाद
वीडियो में देखा जा सकता है कि एक भाजपा महिला कार्यकर्ता मरीज को ₹10 का बिस्किट पैकेट देती हैं। फोटो खिंचवाने के कुछ सेकंड बाद ही वह पैकेट वापस ले लिया जाता है। यह दृश्य सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ और लोगों ने इसे “शो ऑफ पावर” और “मार्केटिंग स्टंट” करार दिया।
सोशल मीडिया पर आलोचना और बहस
जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। कई लोगों ने सवाल उठाए कि क्या सेवा पखवाड़ा वास्तव में मरीजों की भलाई के लिए है, या यह सिर्फ एक पब्लिसिटी स्टंट है।
लोगों का कहना है कि बीजेपी जैसे बड़े राजनीतिक दल को सेवा के नाम पर इस तरह की इमेज बिल्डिंग की बजाय, वास्तविक सेवा कार्यों पर ध्यान देना चाहिए।
सेवा पखवाड़ा का उद्देश्य बनाम विवाद
सेवा पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों की मदद करना और उन्हें आवश्यक सहयोग प्रदान करना है। लेकिन इस घटना ने इस पहल की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जहाँ एक तरफ मरीजों को राहत और मदद देने का दावा किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे छोटे-छोटे विवाद पूरे अभियान की छवि को धूमिल कर देते हैं।
जनता की प्रतिक्रिया और राजनीति पर असर
यह विवाद केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक चर्चाओं का हिस्सा भी बन गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है और इसे “दिखावटी सेवा” बताया है।
जनता का गुस्सा और आलोचना यह दर्शाती है कि लोग अब केवल प्रचार और फोटोशूट वाली राजनीति को स्वीकार नहीं करते। उन्हें असल में ग्राउंड लेवल सेवा की अपेक्षा है।
RUHS अस्पताल जयपुर का यह बिस्किट विवाद सेवा पखवाड़ा के उद्देश्य और उसकी सच्चाई पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अगर सेवा का मकसद वाकई जनता की भलाई है, तो उसे सच्चे मन और निःस्वार्थ भाव से होना चाहिए, न कि प्रचार और फोटो सेशन तक सीमित।
यह घटना एक सबक है कि जनता सब देख रही है और आज के दौर में हर घटना सोशल मीडिया पर मिनटों में वायरल हो जाती है। ऐसे में राजनीतिक दलों को अपनी छवि सुधारने के लिए असली सेवा को ही प्राथमिकता देनी होगी।
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