नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला है। इस बार पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधा। त्रिवेदी ने महात्मा गांधी के समय की कांग्रेस और वर्तमान कांग्रेस की तुलना करते हुए तंज कसा और पार्टी की वर्तमान स्थिति पर सवाल उठाए। इसके साथ ही, भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए।
महात्मा गांधी की कांग्रेस vs आधुनिक कांग्रेस
सुधांशु त्रिवेदी ने अपने बयान में कहा कि एक समय था जब कांग्रेस महात्मा गांधी की पार्टी थी। उस दौर में कांग्रेस की सदस्यता शुल्क मात्र चार आने थी, और नारा था, ‘एक चवन्नी चांदी की, जय बोलो महात्मा गांधी की।’ उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि आज की कांग्रेस, गांधी परिवार के नेतृत्व में, न केवल पार्टी की संपत्ति बल्कि देश की संपत्ति को भी अपनी समझती है। त्रिवेदी ने यह कहकर कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाया कि पार्टी अब अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी है और निजी हितों को प्राथमिकता दे रही है।
शहजाद पूनावाला का हमला: ‘लूटा है तो लौटाना पड़ेगा’
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व को नहीं बख्शा। उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सभी सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि 5000 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्ति का लाभकारी हित गांधी परिवार को दिया गया। पूनावाला ने कहा, “लूटा है तो लौटाना पड़ेगा,” यह संदेश देते हुए कि कांग्रेस को इस कथित अनियमितता का हिसाब देना होगा। उन्होंने दावा किया कि यह मामला सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण है।

ईडी के गंभीर आरोप: 142 करोड़ की कमाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले में अदालत में अपनी दलील पेश करते हुए राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए। ईडी ने कोर्ट को बताया कि प्रथम दृष्टया यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है, जिसमें सोनिया और राहुल गांधी सहित अन्य लोग शामिल हैं। एजेंसी ने दावा किया कि इस मामले में 142 करोड़ रुपये की कमाई की गई। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में बहस के दौरान कहा कि आरोपी इस अपराध की आय का लाभ तब तक उठाते रहे, जब तक कि नवंबर 2023 में ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़ी 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त नहीं किया।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामला लंबे समय से भारतीय राजनीति में चर्चा का विषय रहा है। यह मामला कांग्रेस से जुड़े नेशनल हेराल्ड अखबार और उसकी मूल कंपनी, एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से संबंधित है। आरोप है कि एजेएल की संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया और इसका लाभकारी हित गांधी परिवार को मिला। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि इस मामले में वित्तीय अनियमितताएं हुईं, जिसके आधार पर उसने कार्रवाई शुरू की। इस मामले ने कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक तनातनी को और बढ़ा दिया है।
भाजपा की रणनीति और कांग्रेस का जवाब
भाजपा इस मामले को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमलावर है। पार्टी इसे भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के रूप में पेश कर रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताती है। कांग्रेस का कहना है कि नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक संस्थान है, और भाजपा इसे बदनाम करने की कोशिश कर रही है। इस मामले में दोनों दलों के बीच तीखी बयानबाजी जारी है, और यह मुद्दा आने वाले समय में और गरमाने की संभावना है।
संबंधित पोस्ट
INDIA गठबंधन से आम आदमी पार्टी की दूरी, केजरीवाल की नई सियासी चाल या विपक्ष में दरार?
OBC समाज पर राहुल गांधी का बड़ा कबूलनामा गलती कांग्रेस की नहीं मेरी थी
बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण: विपक्ष का संसद में हंगामा