टाटा संस में बड़े बदलाव: नए बोर्ड सदस्य, 30 हजार करोड़ का निवेश, राल्फ स्पेथ रिटायर

टाटा संस में बड़े बदलाव: नए बोर्ड सदस्य, 30 हजार करोड़ का निवेश, राल्फ स्पेथ रिटायरटाटा संस, टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी, में जल्द ही बोर्ड स्तर पर बड़े बदलाव होने वाले हैं। कंपनी के कुछ वरिष्ठ सदस्य रिटायरमेंट की उम्र तक पहुंच रहे हैं, जिसके चलते उनकी जगह नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। जगुआर लैंड रोवर के पूर्व सीईओ राल्फ स्पेथ सितंबर 2025 में 70 वर्ष की आयु पूरी होने पर रिटायर होंगे। स्पेथ 2016 से बोर्ड का हिस्सा हैं, जब साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके अलावा, स्वतंत्र निदेशक लियो पुरी ने अप्रैल में इस्तीफा दे दिया, और अजय पीरामल भी अगले साल मध्य तक रिटायर हो सकते हैं। इन खाली पदों पर नए नियुक्तियों की चर्चा तेज है, जो टाटा ग्रुप को नए विचार और दिशा प्रदान कर सकती है।

टीवी नरेंद्रन मजबूत दावेदार
बोर्ड में रिक्त पदों को भरने के लिए टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। टाटा संस की नीति के अनुसार, समूह की ऑपरेटिंग कंपनियों के सीईओ को बोर्ड में शामिल करने की परंपरा रही है। नरेंद्रन ने टाटा स्टील में अपने नेतृत्व से प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, जिसके चलते वे इस पद के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। हालांकि, टाटा संस ने इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। बोर्ड की नई संरचना से कंपनी का स्वरूप बदलने की उम्मीद है, जो 2016 में रतन टाटा द्वारा साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद गठित की गई थी।

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30,000 करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश
टाटा संस ने अपने नए और मौजूदा व्यवसायों में 30,000 करोड़ रुपये (3.5 बिलियन डॉलर) के निवेश की योजना बनाई है। यह निवेश टाटा डिजिटल, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, एयर इंडिया, रक्षा और बैटरी इकाइयों में किया जाएगा। रक्षा व्यवसाय को कंपनी ने प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया है। यह निवेश हाल के वर्षों में समूह द्वारा नए व्यवसायों के लिए किए गए 120 बिलियन डॉलर के वादे से अतिरिक्त है। यह कदम टाटा ग्रुप को तकनीक, रक्षा और एविएशन जैसे क्षेत्रों में और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

RBI को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वापसी का आवेदन
टाटा संस ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पास अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट वापस करने के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज चुका दिया है, जिसके बाद यह एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी के रूप में बनी रहेगी। इस कदम से टाटा संस को स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग से बचने में मदद मिलेगी, जो RBI के नियमों के तहत अनिवार्य थी। कंपनी ने TCS में अपनी हिस्सेदारी बेचकर और डिविडेंड के जरिए यह कर्ज चुकाया।

टाटा ग्रुप का भविष्य
ये बदलाव टाटा ग्रुप के लिए एक नए युग की शुरुआत हो सकते हैं। नए बोर्ड सदस्यों के आने और भारी-भरकम निवेश से कंपनी को वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति और मजबूत करने का मौका मिलेगा। रक्षा, डिजिटल और एविएशन जैसे क्षेत्रों में निवेश टाटा ग्रुप को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करेगा। साथ ही, गैर-सूचीबद्ध रहने का फैसला कंपनी को अधिक लचीलापन प्रदान करेगा।

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