दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद बिजली कटौती को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। AAP की नेता और दिल्ली की पूर्व मंत्री आतिशी ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार में दिल्लीवासियों ने इनवर्टर और जेनरेटर का उपयोग लगभग बंद कर दिया था, लेकिन भाजपा के सत्ता में आते ही राजधानी में बिजली कटौती आम हो गई है।
दिल्ली में बढ़ती बिजली कटौती पर आप की नाराजगी
आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनते ही राजधानी में बिजली संकट गहरा गया है। उन्होंने कहा,
“जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, तब लोगों ने इनवर्टर और जेनरेटर रखना बंद कर दिया था। बिजली कटौती नाममात्र थी। लेकिन जैसे ही भाजपा सरकार आई, दिल्ली के हर कोने में लंबी बिजली कटौती शुरू हो गई है।”
आतिशी ने यह भी दावा किया कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति की व्यवस्था को जानबूझकर बिगाड़ा जा रहा है, ताकि जनता को परेशान किया जा सके और AAP सरकार की नीतियों को विफल साबित किया जा सके।
दिल्ली में बिजली संकट की स्थिति
दिल्ली में हाल ही में कई इलाकों में लंबी बिजली कटौती की खबरें आई हैं।
- पूर्वी दिल्ली: लक्ष्मी नगर, मयूर विहार और कड़कड़डूमा जैसे इलाकों में घंटों बिजली नहीं रही।
- दक्षिणी दिल्ली: साकेत, मालवीय नगर और ग्रेटर कैलाश जैसे पॉश इलाकों में भी बिजली संकट देखने को मिला।
- पश्चिमी दिल्ली: जनकपुरी, उत्तम नगर और द्वारका में लोग बिजली कटौती से परेशान हैं।
दिल्ली के नागरिकों ने सोशल मीडिया पर बिजली कटौती को लेकर नाराजगी जताई है। कई लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर शिकायत की कि गर्मी के मौसम में बिना बिजली के रहना मुश्किल हो रहा है।
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बीजेपी सरकार की सफाई
आम आदमी पार्टी के आरोपों के जवाब में भाजपा सरकार ने कहा कि दिल्ली में बिजली कटौती की समस्या बिजली कंपनियों की तकनीकी दिक्कतों और कोयले की आपूर्ति में आई बाधाओं के कारण हो रही है।
- भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि, “AAP सरकार ने पिछले वर्षों में बिजली कंपनियों के साथ अनुचित समझौते किए थे, जिसके कारण आज दिल्ली को बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है।”
- भाजपा ने दावा किया कि सरकार जल्द ही स्थिति को सुधार लेगी और बिजली आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर
बिजली संकट को लेकर दोनों दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।
- AAP का आरोप: भाजपा सरकार जानबूझकर बिजली संकट पैदा कर रही है, ताकि जनता को परेशान किया जा सके।
- BJP का जवाब: AAP सरकार की गलत नीतियों की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है।
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में बिजली को लेकर राजनीति गरमाई हो। इससे पहले भी दोनों दलों के बीच बिजली सब्सिडी और वितरण को लेकर विवाद होते रहे हैं।
दिल्ली की जनता का क्या कहना है?
दिल्ली के लोगों की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई है।
- कुछ लोग मानते हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार में बिजली की स्थिति बेहतर थी और अब भाजपा सरकार में हालात बिगड़ गए हैं।
- वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि बिजली संकट प्राकृतिक कारणों और तकनीकी दिक्कतों के चलते हुआ है, इसलिए इसे राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
बिजली संकट का समाधान क्या है?
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर इस समस्या का हल निकालने की जरूरत है।
- बिजली कंपनियों की जवाबदेही तय हो: बिजली कंपनियों को समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।
- कोयले की आपूर्ति में सुधार: बिजली उत्पादन के लिए कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
- नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर: दिल्ली को सौर ऊर्जा और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना चाहिए।
- राजनीतिक सहमति: दोनों दलों को एक साथ बैठकर जनता की समस्या का हल निकालना चाहिए।
निष्कर्ष
दिल्ली में बिजली संकट एक गंभीर मुद्दा बन गया है और इसे लेकर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आम जनता को राहत देने के लिए सरकार को जल्द ही ठोस कदम उठाने होंगे।
भविष्य में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में बिजली आपूर्ति की स्थिति कैसे सुधरती है और इस मुद्दे पर राजनीतिक दल क्या रुख अपनाते हैं।
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