November 13, 2025

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पदयात्रा में दी एकता का संदेश, सनातन धर्म और जागरूकता पर जोर

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी हालिया पदयात्रा के दौरान एक विशाल जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सनातनी हिंदुओं की एकता, सामाजिक समरसता और जागरूकता पर महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस आयोजन में हजारों लोगों की मौजूदगी ने इसे ऐतिहासिक बना दिया। शास्त्री का कहना था कि यह केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों को एक दिशा देने वाला प्रयास है।

सनातनी एकता पर शास्त्री का जोर

जनसभा को संबोधित करते हुए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को मजबूत और संगठित रहने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “आज हम सनातनी हिंदुओं की एकता के लिए एकत्र हुए हैं, और यह एकता ही देश की मजबूत नींव है। उनके इस संदेश ने उपस्थित लोगों के बीच उत्साह का वातावरण बना दिया।शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म का अर्थ केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि एक जीवनशैली और संस्कारों से जुड़ी पहचान है। इसलिए समाज के हर वर्ग को इन मूल्यों से जुड़े रहने का आग्रह किया।

जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी पर फोकस

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में बताया कि कई लोग सनातन संस्कृति से जुड़े मुद्दों को केवल धार्मिक नज़र से देखते हैं, जबकि उनका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व कहीं अधिक बड़ा है।उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पदयात्राएँ समाज को जागरूक करने और लोगों को अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग बनाने के लिए आयोजित की जा रही हैं।उनका कहना था कि समाज तभी मजबूत बन सकता है जब लोग एक दूसरे के साथ खड़े हों और सामाजिक चुनौतियों का मिलकर सामना करें।

भविष्य में भी होंगे ऐसे कार्यक्रम

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने घोषणा की कि आगे भी कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य समाज में जागरूकता फैलाना और सांस्कृतिक मूल्यों को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि समाज को जोड़ने और दिशा देने के लिए ऐसे प्रयास बेहद जरूरी हैं।उनके अनुसार, यह अभियान केवल आज का नहीं, बल्कि एक लंबी प्रक्रिया है जो आने वाले समय में देश की सामाजिक संरचना को और मजबूत करेगी। बागेश्वर धाम में आयोजित यह पदयात्रा और जनसभा एक सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश लेकर आई। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एकता, जागरूकता और समाजहित का संदेश लोगों पर गहरी छाप छोड़ता है। भीड़ की उपस्थिति ने यह भी साबित किया कि समाज में ऐसे आयोजनों के प्रति गहरी रुचि और समर्थन है।

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