बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग की घटना ने पूरे देश को चौंका दिया था। अब उस मामले से जुड़े दोनों शूटरों का खौफनाक अंत हो चुका है। हरियाणा की सोनीपत एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिलकर गाजियाबाद के ट्रोनिका सिटी में एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया और दोनों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
कौन थे शूटर?
एनकाउंटर में मारे गए शूटरों की पहचान रविंद्र (निवासी रोहतक) और अरुण (निवासी सोनीपत) के रूप में हुई है। यही दोनों आरोपी दिशा पाटनी के आवास पर फायरिंग की वारदात में शामिल थे। उनकी तलाश में पुलिस और एसटीएफ की कई टीमें लंबे समय से लगी हुई थीं।
ऑपरेशन की कमान
इस पूरे ऑपरेशन का नेतृत्व सोनीपत एसटीएफ यूनिट के इंस्पेक्टर योगेंद्र कुमार ने किया। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर ट्रोनिका सिटी में छापा मारा गया। जैसे ही पुलिस ने आरोपियों को घेरने की कोशिश की, उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों शूटर मौके पर ही ढेर हो गए।
STF और यूपी पुलिस की साझेदारी
फायरिंग जैसे हाई-प्रोफाइल केस को देखते हुए हरियाणा एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिलकर यह मिशन चलाया। दोनों राज्यों की एजेंसियों का तालमेल इस ऑपरेशन की सबसे बड़ी सफलता साबित हुआ। इससे यह भी संदेश गया कि राज्य सीमाएं कानून के लंबे हाथों को नहीं रोक सकतीं।
जांच और आगे की कार्रवाई
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। यह पता लगाने की कोशिश हो रही है कि शूटरों को फायरिंग की सुपारी किसने दी थी और इसके पीछे कौन सा गैंग या नेटवर्क सक्रिय है। बरामद हथियारों और मोबाइल डेटा को भी फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
कानून का संदेश
इस एनकाउंटर के बाद साफ हो गया है कि कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं। चाहे अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हों, अंततः न्याय की गिरफ्त से बच नहीं सकते। दिशा पाटनी फायरिंग केस से जुड़े दोनों शूटरों का यही अंजाम हुआ।

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