GST परिषद ने बुधवार को माल और सेवा कर (GST) की नई दो-स्तरीय दर संरचना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दरें लागू होंगी, और ये 22 सितंबर से प्रभावी होंगी।इस सुधार का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल बनाना, मुकदमेबाजी कम करना और परिवारों व व्यवसायों को राहत देना है।
उद्योग जगत का स्वागत
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं और कच्चे माल पर कर दर कम करने से परिवारों को तत्काल राहत मिलेगी और विकास की नींव मजबूत होगी।FICCI की महानिदेशक ज्योति विज ने इस सुधार को भारत की सुधार यात्रा में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उनका कहना है कि कर स्लैब कम होने से उपभोग में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।PHDCCI के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुएं, पैकेज्ड खाद्य पदार्थ और बर्तनों पर GST घटाकर 5% करने से घरेलू बजट पर दबाव कम होगा और मांग बढ़ेगी।
उद्योग विशेष में असर
भारतीय वस्त्र उद्योग परिसंघ के चेयरमैन राकेश मेहरा ने मानव निर्मित रेशों पर कर दर कम करने का स्वागत किया। इससे कताई और बुनकरी में लगे छोटे उद्यमों को लाभ मिलेगा।फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट्स के अध्यक्ष श्यामा राजू ने होटल रूम के शुल्क को 5% और 12% के दो स्लैब में बांटने के फैसले का समर्थन किया। इसका असर होटल अधिक किफायती होंगे और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा कि निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट और इस्पात पर कम GST से निर्माण लागत घटेगी और रियल एस्टेट सेक्टर को राहत मिलेगी।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी GST दरों में कमी का स्वागत किया, हालांकि उन्होंने कहा कि यह सुधार आठ साल पहले होना चाहिए था।विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार कर प्रणाली को सरल, व्यवसायों के अनुपालन को आसान और आर्थिक विकास को मजबूती देंगे।
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