August 29, 2025

“I’m Eligible for Women’s Cricket” – अनाया बांगड़ की BCCI और ICC से अपील

भारतीय क्रिकेट जगत में एक नई आवाज़ गूँज रही है, जो न सिर्फ खेल की दुनिया में, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश लेकर आई है। अनाया बांगड़, एक ट्रांसजेंडर महिला क्रिकेटर, ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से खुलकर अपील की है कि उन्हें महिला क्रिकेट खेलने की अनुमति दी जाए। उनका यह संघर्ष केवल एक खेल की चाह नहीं, बल्कि समानता, पहचान और अधिकार की लड़ाई भी है।

अनाया बांगड़ कौन हैं?

अनाया बांगड़ एक बहादुर ट्रांसजेंडर महिला हैं, जिन्होंने अपने जीवन की चुनौतियों को पार करते हुए क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बरकरार रखा है। उन्होंने मेडिकल और वैज्ञानिक मानकों के अनुसार खुद को ट्रांजिशन किया है, और अब वे खुद को महिला क्रिकेट खेलने के लिए पूरी तरह से योग्य मानती हैं। अनाया का मानना है कि वे ICC की ट्रांसजेंडर एथलीट पॉलिसी के अनुसार महिला क्रिकेट खेलने के पात्र हैं।

ICC और BCCI की ट्रांसजेंडर एथलीट नीति

ICC ने खेल में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों को लेकर कुछ स्पष्ट नियम बनाए हैं, जिनमें हार्मोन लेवल, मेडिकल ट्रांजिशन और खिलाड़ी की फिटनेस जैसे मापदंड शामिल हैं। अनाया का दावा है कि उन्होंने इन सभी मानदंडों को पूरा किया है। उनका यह कहना दर्शाता है कि क्रिकेट की दुनिया में समावेशिता बढ़ानी होगी और जेंडर की सीमाओं को तोड़कर खिलाड़ियों को उनके कौशल के आधार पर मौका देना होगा।

अनाया का संघर्ष और सपने

अनाया का यह सफर आसान नहीं था। समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रति कई तरह की पूर्वधारणाएं और भेदभाव मौजूद हैं। लेकिन अनाया ने हार नहीं मानी और क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को जीवित रखा। उनका सपना है भारतीय महिला क्रिकेट टीम की जर्सी पहनना और देश के लिए खेलना। उन्होंने अपने संघर्षों को साझा करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक समान अवसर चाहती हैं, जिससे वे अपने हुनर को साबित कर सकें।

खेल में समानता और समावेशिता का महत्व

अनाया बांगड़ की कहानी सिर्फ उनके व्यक्तिगत अधिकारों की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह उन लाखों ट्रांसजेंडर युवाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो समाज में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। खेल के मैदान को सबके लिए खुला और समान बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम हो सकता है। सवाल यह है कि क्या BCCI और ICC इस बदलाव के लिए तैयार हैं? क्या वे जेंडर पहचान से ऊपर उठकर खिलाड़ी के कौशल और क्षमता को महत्व देंगे?

आपकी राय क्या है?

खेल का मैदान हर खिलाड़ी के लिए समान होना चाहिए। चाहे कोई cisgender हो या transgender, खिलाड़ी को उसके टैलेंट और मेहनत के आधार पर सम्मान और मौके मिलने चाहिए। अनाया बांगड़ की यह अपील खेल जगत में एक नई बहस की शुरुआत कर रही है। क्या आप मानते हैं कि ट्रांसजेंडर खिलाड़ी को महिला क्रिकेट में जगह मिलनी चाहिए? आपकी राय हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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