November 5, 2025

भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग: अंतरिक्ष, फिनटेक, रक्षा में नई साझेदारी, ई-वीज़ा शुरू!

ऐतिहासिक बैठक: मनामा में जयशंकर की बहरीन यात्रा

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बहरीन की राजधानी मनामा में भारत–बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (High Joint Commission) की तीसरी बैठक में हिस्सा लिया। दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य, संस्कृति के साथ-साथ अंतरिक्ष, फिनटेक और टेक्नोलॉजी जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने पर सहमति जताई। जयशंकर ने 21वें मनामा डायलॉग के सफल आयोजन और आगामी GCC अध्यक्षता के लिए बहरीन को बधाई दी।

5,000 साल पुराना रिश्ता: व्यापार से सांस्कृतिक बंधन तक

डॉ. जयशंकर ने कहा:

“भारत और बहरीन के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक-सांस्कृतिक संबंध हैं, जो व्यापार और लोगों के गहरे रिश्तों से जुड़े हैं।”

बहरीन के विदेश मंत्री ने भी इसे 5,000 साल पुरानी साझेदारी बताया। दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग को क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और साझा समृद्धि का आधार माना।

नए क्षेत्रों में क्रांति: अंतरिक्ष, फिनटेक, ई-वीज़ा

बैठक में कई ठोस कदम उठाए गए:

  • ई-वीज़ा सुविधा: बहरीन नागरिकों के लिए भारत ने ई-वीज़ा शुरू किया, जिससे पर्यटन और व्यापारिक यात्राएं आसान होंगी।
  • निवेश आमंत्रण: बहरीन के निवेशकों को भारत में अवसर तलाशने को कहा गया। जल्द द्विपक्षीय निवेश संधि और संयुक्त कार्य समूह गठित होंगे।
  • नई तकनीक: अंतरिक्ष सहयोग, फिनटेक और डिजिटल टेक्नोलॉजी में साझेदारी बढ़ेगी।

रक्षा और समुद्री सुरक्षा: नौसेना का दौरा अहम

भारत की नौसेना ने हाल ही में बहरीन का दौरा किया, जो समुद्री सुरक्षा में दोनों देशों की साझेदारी को मजबूत करता है। जयशंकर ने भारतीय समुदाय (लगभग 3.5 लाख) की देखभाल के लिए बहरीन सरकार को धन्यवाद दिया।

क्षेत्रीय शांति: गाज़ा योजना को भारत का समर्थन

जयशंकर ने गाज़ा शांति योजना के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया और कहा:

“भारत स्थायी शांति और स्थिरता का पक्षधर है।”

बहरीन ने UNSC कार्यकाल में क्षेत्रीय शांति को प्राथमिकता देने का वादा किया। दोनों देशों ने आतंकवाद, उग्रवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

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भविष्य की मजबूत नींव: सकारात्मक और सार्थक बैठक

बैठक को दोनों पक्षों ने “सार्थक और सकारात्मक” बताया। बहरीन के विदेश मंत्री ने कहा:

“हम भारत के साथ रिश्तों को और गहराई तक ले जाना चाहते हैं।”

यह बैठक भारत-खाड़ी सहयोग को नई ऊंचाई देगी। आने वाले वर्षों में व्यापार, निवेश, तकनीक और सुरक्षा में अभूतपूर्व प्रगति होगी।

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