भारत सरकार ने बांग्लादेश से जमीनी रास्तों के माध्यम से होने वाले कपड़ों के आयात पर रोक लगा दी है। इस फैसले का उद्देश्य घरेलू टेक्सटाइल उद्योग को मजबूत करना और चीन से बांग्लादेश के रास्ते होने वाले अवैध कपड़ा आयात को रोकना है। इस कदम से भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ होने की उम्मीद है। हालांकि, कुछ ब्रांडेड कपड़ों की आपूर्ति में कमी और कीमतों में 2-3% की बढ़ोतरी की आशंका है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
भारत का टेक्सटाइल उद्योग बांग्लादेश से जीरो इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण बढ़ते आयात से चिंतित था। बांग्लादेश से आयातित कपड़ों पर कोई शुल्क नहीं लगता, जबकि चीन से सीधे आयात पर 20% शुल्क देना पड़ता है। इस सुविधा का दुरुपयोग करते हुए कुछ व्यापारी चीन से कपड़े आयात कर बांग्लादेश के रास्ते भारत में ला रहे थे। यह अवैध कारोबार न केवल भारतीय उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा था। इस रोक से इस तरह के ‘दो नंबर’ कारोबार पर अंकुश लगेगा।
भारतीय उद्योग को होगा फायदा
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी कर बांग्लादेश से जमीनी रास्तों से कपड़ों और अन्य उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि, कोलकाता और नावा शेवा बंदरगाहों के माध्यम से आयात की अनुमति दी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नीति परिवर्तन भारतीय टेक्सटाइल उद्योग के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। अनुमान है कि भारत अपनी कपड़ा जरूरतों का केवल 1-2% आयात करता है, जिसमें बांग्लादेश का हिस्सा लगभग 35% है। अब इस रोक से स्थानीय उत्पादकों को अपनी क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा।
चीन के बैक-डोर आयात पर लगेगी रोक
चीन से कपड़ों के आयात पर 20% शुल्क लगता है, जिसके कारण व्यापारी बांग्लादेश के रास्ते कपड़े लाकर शुल्क से बच रहे थे। इस नीति से न केवल अवैध आयात रुकेगा, बल्कि भारतीय बाजार में स्वदेशी उत्पादों की मांग भी बढ़ेगी। यह कदम भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को और मजबूती देगा।
आपूर्ति श्रृंखला पर असर
इस फैसले से कुछ बड़े भारतीय और वैश्विक ब्रांड्स, जो बांग्लादेश से 20-60% कपड़े आयात करते हैं, को आपूर्ति में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) इकाइयों की आपूर्ति श्रृंखला भी प्रभावित हो सकती है। उद्योग के अनुमान के अनुसार, टी-शर्ट और डेनिम जैसे उत्पादों की कीमतों में 2-3% की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, यह अस्थायी असर होगा, क्योंकि भारतीय निर्माता जल्द ही इस कमी को पूरा करने में सक्षम होंगे।
बांग्लादेश पर ज्यादा असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस नीति से बांग्लादेश को भारत की तुलना में अधिक नुकसान होगा। बांग्लादेश भारत के गारमेंट आयात का एक बड़ा हिस्सा आपूर्ति करता है, और इस रोक से उसका निर्यात प्रभावित होगा। दूसरी ओर, भारत के लिए यह एक रणनीतिक कदम है, जो स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने के साथ-साथ अवैध व्यापार पर रोक लगाएगा।
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