PM मोदी की उच्चस्तरीय बैठक, पाकिस्तान को चेतावनी

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक ऐसे समय पर हुई जब पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों का सिलसिला जारी है। इन हमलों को भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने प्रभावी ढंग से नाकाम कर दिया है, लेकिन हालात अब भी गंभीर बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री की इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी जैसे देश के शीर्ष रक्षा अधिकारी शामिल हुए। बैठक में रक्षा सचिव आरके सिंह ने भी हिस्सा लिया।

सुरक्षा स्थिति की समीक्षा
इससे पहले दिन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी मौजूदा सुरक्षा हालात की विस्तृत समीक्षा की थी। यह समीक्षा उस समय की गई जब एक दिन पहले यानी गुरुवार रात को पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सीमा के कई क्षेत्रों में समन्वित ड्रोन और मिसाइल हमले किए। पाकिस्तान की इस आक्रामक कार्रवाई का उद्देश्य भारत के सैन्य बुनियादी ढांचे और नागरिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाना था।

भारतीय अधिकारियों के अनुसार, इन हमलों को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम सहित अन्य आधुनिक रक्षा तकनीकों की मदद से प्रभावी रूप से रोका गया। भारत की एयर डिफेंस क्षमता ने एक बार फिर साबित किया कि वह किसी भी प्रकार की चुनौती का जवाब देने में सक्षम है।

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सीमा पर बढ़ा तनाव
कर्नल सोफिया कुरैशी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि 7 और 8 मई की रात को पाकिस्तान की सेना ने भारत के पश्चिमी मोर्चे पर कई बार हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की। पाकिस्तान ने लगभग 300 से 400 ड्रोन तैनात किए, जो 36 अलग-अलग स्थानों पर देखे गए। इन ड्रोन की प्रारंभिक फोरेंसिक जांच से पता चला कि वे तुर्की निर्मित असीसगार्ड सोंगर मॉडल थे, जो निगरानी और सटीक हमलों के लिए उपयोग किए जाते हैं।

कर्नल कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान का मकसद भारत की एयर डिफेंस क्षमताओं की परीक्षा करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था। लेकिन भारतीय सेना की सतर्कता ने इन प्रयासों को पूरी तरह विफल कर दिया।

नए ड्रोन हमले, सतर्क है भारत
हालांकि तनाव अभी भी खत्म नहीं हुआ है। शुक्रवार को एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रोन देखे गए। भारतीय सेना इन सभी गतिविधियों पर नजर रख रही है और हर संभावित खतरे का जवाब देने के लिए तैयार है।

भारत सरकार ने साफ संकेत दिया है कि वह पाकिस्तान की इन हरकतों को हल्के में नहीं ले रही। प्रधानमंत्री की बैठक इस बात का संकेत है कि राजनीतिक और सैन्य स्तर पर जवाबी रणनीति तैयार की जा रही है। भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर पाकिस्तान ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो उसे कड़े परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

जनता को भरोसा
इस संकट के समय में प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक करके यह संदेश दिया गया है कि देश पूरी तरह सुरक्षित है, और हर मोर्चे पर दुश्मन को जवाब देने की पूरी तैयारी है। सेना, वायुसेना और नौसेना तीनों ही मोर्चों पर तैनात हैं, और भारत किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम है।

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