तमिलनाडु में राजनीति एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में कथित तौर पर डीएमके (DMK) के एक काउंसलर को देखा जा सकता है, जो एक सरकारी कर्मचारी के साथ अमानवीय व्यवहार करता है। घटना ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम जनता भी यह पूछने लगी है कि आखिर इस तरह की राजनीति को सामाजिक न्याय कहा जाए या अत्याचार।
वायरल वीडियो में क्या दिखा?
वायरल हुए वीडियो में साफ दिखाई देता है कि एक सरकारी कर्मचारी को अपमानित किया गया और उसे काउंसलर के पैरों में गिरने तक मजबूर किया गया। वीडियो में मौजूद दृश्य इतने शर्मनाक हैं कि देखने वालों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या यही है वह राजनीति जो जनता की सेवा करने का दावा करती है?
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सोशल मीडिया पर गुस्सा
वीडियो सामने आते ही सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर से लेकर फेसबुक और इंस्टाग्राम तक, हर जगह लोग डीएमके शासन और नेताओं के खिलाफ नाराज़गी जता रहे हैं। कई यूज़र्स ने इसे लोकतंत्र पर धब्बा बताया, तो कुछ ने सवाल उठाया कि क्या तमिलनाडु की राजनीति अब जनता को अपमानित करने पर उतर आई है?
राजनीतिक हलकों में हलचल
इस घटना ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया है। विपक्षी पार्टियां कह रही हैं कि डीएमके नेताओं का यह रवैया साबित करता है कि वे सामाजिक न्याय के नाम पर केवल राजनीति करते हैं, जबकि असलियत में आम जनता और सरकारी कर्मचारियों को दबाते हैं।वहीं, सत्तारूढ़ दल के लिए यह घटना असहज करने वाली साबित हो रही है।
जनता की माँग
जनता ने सोशल मीडिया और स्थानीय मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साफ कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। लोग पूछ रहे हैं कि अगर एक आम सरकारी कर्मचारी को इस तरह अपमानित किया जा सकता है, तो आम नागरिकों की क्या स्थिति होगी?
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