बिक्री शुरू होते ही हंगामा: लाइनें, धक्का-मुक्की और पुलिस की दखल
भारत में iPhone का जुनून एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है! 19 सितंबर को iPhone 17 सीरीज की बिक्री शुरू होते ही देशभर के Apple स्टोर्स पर त्योहारी मेला सा नजारा दिखा। मुंबई के फेमस बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) Apple स्टोर के बाहर सुबह-सुबह ही सैकड़ों फैंस की लंबी कतारें लग गईं। हर कोई बस एक ही मकसद से खड़ा था—नया iPhone सबसे पहले हासिल करना। लेकिन उत्साह जल्द ही उग्र हो गया। ‘पहले मैं, पहले मैं’ की होड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो गई, जो हाथापाई और मारपीट तक पहुंच गई। स्टोर के बाहर का नजारा कुछ ऐसा था जैसे कोई स्टेडियम में दंगा हो रहा हो। आखिरकार, सिक्योरिटी गार्ड्स और लोकल पुलिस को बुलाना पड़ा, जिन्होंने भीड़ को काबू में किया। यह घटना न केवल iPhone की लोकप्रियता दर्शाती है, बल्कि उपभोक्ता व्यवहार की उस काली सच्चाई को भी उजागर करती है, जहां टेक्नोलॉजी की चाहत हिंसा में बदल जाती है।
दिल्ली से लेकर बेंगलुरु तक: हर शहर में यही कहानी
यह हंगामा सिर्फ मुंबई तक सीमित नहीं रहा। दिल्ली के साकेत मॉल में भी यही हाल था—स्टोर के बाहर से लेकर अंदर तक कतारें लंबी थीं। हर उम्र के लोग, हर स्टाइल में तैयार होकर iPhone 17 खरीदने पहुंचे थे। युवाओं का तो ठीक है, लेकिन मिडिल-एज लोग भी इस दीवानगी में शरीक नजर आए। बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे टेक हब्स में भी स्टोर्स पर भीड़ उमड़ पड़ी। एक दुकानदार ने बताया कि सुबह 9 बजे से ही टोकन सिस्टम चालू कर दिया गया, लेकिन फिर भी कई लोग बिना टोकन के चिल्ला-पुकार मचा रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में लोग एक-दूसरे को धक्का देते दिखे, जो इस ‘iPhone फीवर’ की तीव्रता को बयां करते हैं। क्या यह सिर्फ एक फोन की बिक्री है, या फिर एक सांस्कृतिक फेनोमेनन बन चुका है?
ग्राहकों की जुबानी: फीचर्स का जादू या स्टेटस का लालच?
ग्राहकों से बात की तो जाहिर है, सबके पास तर्क तैयार थे। एक युवा कस्टमर ने कहा, “डिजाइन बिल्कुल नया है, कैमरा अपग्रेडेड है, A19 प्रोसेसर की वजह से स्पीड कमाल की है, और बैटरी लाइफ भी 10% बेहतर। ऐसे में न खरीदें तो क्या करें?” वाकई, iPhone 17 सीरीज में कई दमदार फीचर्स हैं—Dynamic Island का नया वर्जन, 48MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा, और USB-C पोर्ट के साथ टाइटेनियम फ्रेम। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये फीचर्स हर किसी के लिए जरूरी हैं? सर्वे बताते हैं कि 70% iPhone यूजर्स इसके एडवांस्ड फंक्शन्स का इस्तेमाल ही नहीं करते। फिर भी, FOMO (Fear Of Missing Out) और स्टेटस सिंबल की वजह से लोग कतारों में लग जाते हैं। एक और ग्राहक बोले, “दोस्तों के पास है, तो मेरा भी होना चाहिए।” यह दिखावे की संस्कृति iPhone को महंगा खिलौना बना देती है, न कि उपयोगी टूल।
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कीमत का खेल: 82,900 से 2.3 लाख तक, क्या वर्थ इट?
iPhone 17 सीरीज की कीमतें आम तौर पर आकर्षक नहीं हैं, लेकिन फैंस के लिए ये कोई मायने नहीं रखतीं। बेस मॉडल iPhone 17 की शुरुआती कीमत 82,900 रुपये है, जो iPhone 16 से महंगा लगता है। iPhone 17 Pro 1,19,900 रुपये से शुरू होता है, जबकि टॉप-एंड iPhone 17 Pro Max का 2TB वेरिएंट पूरे 2,29,900 रुपये का है—यानी ढाई लाख से ज्यादा! भारत में आयात शुल्क और करेंसी फ्लक्चुएशन की वजह से ये दाम ऊंचे हैं। लेकिन ब्रांड वैल्यू और रीसेल वैल्यू देखकर लोग निवेश मानते हैं। फिर भी, विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपका पुराना फोन चालू है, तो अपग्रेड की जल्दी क्यों? बजट फोन जैसे Samsung Galaxy या Google Pixel भी कमोबेश वैसी ही सुविधाएं देते हैं, वो भी आधी कीमत में।
दीवानगी की सच्चाई: टेक्नोलॉजी के गुलाम बन रहे हम?
अब असली सवाल यही है—क्या यह दीवानगी सही है? फोन खरीदना बुरा नहीं, टेक्नोलॉजी से प्यार करना भी ठीक। लेकिन इसके नाम पर लड़ाई-झगड़ा, मारपीट, और बेकाबू भीड़? यह न केवल शर्मनाक है, बल्कि खतरनाक भी। iPhone अब सिर्फ डिवाइस नहीं, एक स्टेटस सिंबल है—जो फैशन, सोशल वैलिडेशन और FOMO से प्रेरित है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर लोग इसके 50% फीचर्स यूज नहीं करते, बस ‘नया’ होने का रोमांच चाहिए। शायद हमें रुककर सोचना चाहिए: हम टेक्नोलॉजी के मालिक हैं या इसके गुलाम? भारत जैसे देश में, जहां करोड़ों लोग स्मार्टफोन से वंचित हैं, यह दीवानगी असमानता को और गहरा करती है।
आगे की राह: समझदारी से खरीदें, शांति से जिएं
iPhone 17 सीरीज अब आधिकारिक रूप से भारत में उपलब्ध है—ऑनलाइन Flipkart, Amazon या Apple की वेबसाइट पर भी बुकिंग चल रही है। अगर आप खरीद रहे हैं, तो बधाई हो! लेकिन कृपया शांति से, समझदारी से। EMI ऑप्शन्स, वारंटी चेक करें, और जरूरत देखें। याद रखें, फोन जीवन को आसान बनाता है, लेकिन सलीका उसे और खूबसूरत। आइए, इस ‘फीवर’ को कूल डाउन करें और टेक्नोलॉजी को सच्चे अर्थों में अपनाएं। क्योंकि अंत में, खुशी स्क्रीन साइज में नहीं, बल्कि बैलेंस्ड लाइफ में है।
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