November 12, 2025

इसरो की नई उड़ान: 4,410 किग्रा. का CMS-03 ‘बाहुबली’ से अंतरिक्ष में स्थापित!

ऐतिहासिक प्रक्षेपण: भारत का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बार फिर विश्व पटल पर भारत की तकनीकी श्रेष्ठता का परचम लहराया है। देश का सबसे भारी कम्युनिकेशन सैटेलाइट CMS-03 (वजन 4,410 किलोग्राम) को स्वदेशी ‘बाहुबली रॉकेट’ एलवीएम-3 एम5 के जरिए सफलतापूर्वक भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में स्थापित कर दिया गया। यह प्रक्षेपण न केवल तकनीकी दृष्टि से सटीक रहा, बल्कि हर भारतीय के सीने में गर्व की लहर दौड़ा गया। इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने इसे “अद्वितीय सफलता” करार दिया।

मल्टी-बैंड संचार क्रांति: जमीन से समुद्र तक कनेक्टिविटी

CMS-03 एक अत्याधुनिक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन सैटेलाइट है, जो भारत की मुख्य भूमि के साथ-साथ समुद्री क्षेत्रों में भी उच्च गति वाली संचार सेवाएं प्रदान करेगा। यह नौसेना, तटरक्षक बल और व्यापारिक जहाजों के लिए महत्वपूर्ण होगा। इसे GSAT-7 सीरीज (2013 में लॉन्च) का आधुनिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। सैटेलाइट दूरस्थ क्षेत्रों में इंटरनेट, टेलीमेडिसिन और आपदा प्रबंधन में क्रांतिकारी भूमिका निभाएगा।

‘बाहुबली’ की ताकत: चंद्रयान-3 के बाद नया कीर्तिमान

इसरो के भरोसेमंद रॉकेट एलवीएम-3 को प्यार से ‘बाहुबली’ कहा जाता है, क्योंकि यह भारी पेलोड उठाने में सक्षम है। इसका पिछला मिशन चंद्रयान-3 था, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत का झंडा गाड़ा। अब CMS-03 के सफल प्रक्षेपण के साथ एलवीएम-3 ने अपनी 100% सफलता दर बरकरार रखी है — कुल 8 मिशन, 8 सफलताएं। इसरो प्रमुख ने कहा, “रॉकेट ने सैटेलाइट को मिलीमीटर स्तर की सटीकता के साथ सही कक्षा में पहुंचाया।”

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आनंद महिंद्रा की भावुक प्रतिक्रिया

इस उपलब्धि पर उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने एक्स पर लिखा:

“हमारा सबसे भारी सैटेलाइट… सपनों से भरा हुआ, हिम्मत से भरा हुआ।”

यह पोस्ट लाखों भारतीयों की भावनाओं का आईना बन गई। महिंद्रा ने इसरो वैज्ञानिकों को “राष्ट्र के सच्चे नायक” कहा।

आत्मनिर्भर भारत का अंतरिक्ष स्वप्न

यह प्रक्षेपण ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का जीवंत प्रमाण है। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन, नेविगेशन सिस्टम और पेलोड तकनीक — सब कुछ भारतीय मस्तिष्क और मेहनत की उपज है। CMS-03 रक्षा, दूरसंचार, शिक्षा और ग्रामीण डिजिटल इंडिया मिशन को नई गति देगा।

भविष्य की ओर: गगनयान, मंगलयान-2 की बारी

इसरो की यह सफलता गगनयान (मानव अंतरिक्ष मिशन) और मंगलयान-2 जैसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स के लिए मजबूत आधार तैयार करती है। दुनिया अब भारत को अंतरिक्ष महाशक्ति के रूप में देख रही है।

हर प्रक्षेपण के साथ इसरो नया इतिहास लिख रहा है। CMS-03 का सफल लॉन्च न केवल तकनीकी जीत है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सपनों की उड़ान है।

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