भारत के लिए आतंकवाद का सबसे बड़ा स्रोत पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब एक नई रणनीति पर काम कर रहा है। न्यूज की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, यह संगठन अब म्यांमार में अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है और वहां स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ रहा है।
पहले खबर आई थी कि जैश बांग्लादेश में नेटवर्क बना रहा है, लेकिन अब म्यांमार में इसकी सक्रियता भारत की पूर्वी सीमा पर गंभीर खतरे की आहट दे रही है।
म्यांमार में आतंकी ट्रेनिंग और फंडिंग
रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार का एक आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के पाकिस्तान स्थित बालाकोट ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण लेकर वापस लौटा है और वहां अब जैश के एक वरिष्ठ कमांडर के अधीन कार्य कर रहा है।
इस नेटवर्क को करीब 42 लाख रुपये (लगभग $50,000) की फंडिंग मिल रही है। ये आतंकी संगठन स्थानीय रोहिंग्या मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बना रहा है, उन्हें हथियार और रणनीतिक प्रशिक्षण दे रहा है।
अस्थिरता का फायदा उठा रहा जैश
म्यांमार पहले से ही राजनीतिक संकट और आंतरिक संघर्ष से जूझ रहा है। यही अस्थिरता जैश के लिए वरदान साबित हो रही है, जहां वह आसान शिकार तलाश कर उन्हें आतंकी बनाने में जुटा है। म्यांमार की स्थिति का फायदा उठाकर जैश पूर्वोत्तर भारत में हिंसा फैलाने की साजिश रच सकता है।
भारत के लिए बढ़ा खतरा
भारत और म्यांमार के बीच की सीमा लगभग खुली है और पहाड़ी इलाका होने के कारण यह सुरक्षा के लिहाज़ से काफी चुनौतीपूर्ण है। इस खुली सीमा का फायदा उठाकर आतंकी घुसपैठ और हथियारों की तस्करी कर सकते हैं।
जैश-ए-मोहम्मद का इतिहास भी इसी ओर इशारा करता है। भारत पर इसके द्वारा किए गए हमले जैसे –
2001 का संसद हमला
2016 का पठानकोट हमला
2019 का पुलवामा हमला
इन सभी हमलों में दर्जनों भारतीय जवान शहीद हुए थे।
क्या है मसूद अजहर की भूमिका?
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर की इस पूरे ऑपरेशन में अहम भूमिका है। वह ना सिर्फ रणनीति बना रहा है, बल्कि फंडिंग और नेटवर्क विस्तार को भी खुद मॉनिटर कर रहा है।
भारत को क्या करना चाहिए?
भारत को चाहिए कि वह:
म्यांमार के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाए
सीमा सुरक्षा को आधुनिक बनाए
खुफिया तंत्र को सक्रिय कर जमीनी स्तर पर निगरानी बढ़ाए
पूर्वोत्तर राज्यों में स्थानीय प्रशासन को सतर्क करे

संबंधित पोस्ट
Lok Sabha में गरजे Amit Shah! कहा चुनाव आयोग पर कांग्रेस का दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं
Indigo संकट पहुँचा Delhi High Court! केंद्र सरकार को लगी फटकार
Rahul Gandhi: सदन छोड़ राहुल गाँधी चले विदेश…., BJP ने उठाए सवाल