उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) और उसके प्रमुख अखिलेश यादव पर जबरदस्त हमला बोला है। मौर्य ने कहा कि सपा अब समाजवाद की नहीं, “समाप्तवाद” की राह पर चल पड़ी है। उन्होंने दावा किया कि 2027 में भी बीजेपी ही सत्ता में आएगी, और प्रदेश को एक बार फिर गुंडागर्दी के अंधेरे में जाने नहीं दिया जाएगा।
मौर्य का तीखा बयान
एक जनसभा को संबोधित करते हुए केशव मौर्य ने कहा,
“अखिलेश यादव अब नेता नहीं, भ्रम के सौदागर बन चुके हैं। समाजवादी पार्टी अब समाजवाद के नाम पर परिवारवाद, तुष्टिकरण और अपराधियों की पार्टी बन चुकी है। जनता अब सच्चाई समझ चुकी है और 2027 में एक बार फिर भाजपा की प्रचंड सरकार बनेगी।”
उन्होंने आगे कहा,
“सपा का शासन गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और अराजकता का प्रतीक था। हमने उसे समाप्त किया है और दोबारा लौटने नहीं देंगे। यह पार्टी अब ‘समाप्तवादी पार्टी’ बन जाएगी।”
2027 की तैयारी और बीजेपी का आत्मविश्वास
भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद अब अपनी निगाहें 2027 के विधानसभा चुनावों पर टिका दी हैं। केशव मौर्य के इस बयान को पार्टी के आगामी मिशन की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है। मौर्य ने साफ कर दिया कि भाजपा न केवल वर्तमान सरकार के कामों को जनता के सामने रखेगी, बल्कि विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को भी बेनकाब करेगी।
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उन्होंने कहा,
“हमने जो काम किए हैं, वो बोलते हैं – चाहे वो एक्सप्रेसवे हों, मेडिकल कॉलेज हों, गरीबों के लिए आवास हों या बेटियों की सुरक्षा। सपा सिर्फ झूठे वादे करती है और जातिवाद फैलाती है।”
अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया?
फिलहाल अखिलेश यादव ने इस बयान पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन सपा के कई प्रवक्ताओं ने केशव मौर्य के बयान को “हास्यास्पद” और “जनता की बुद्धिमत्ता का अपमान” बताया है। सपा का कहना है कि भाजपा डर गई है क्योंकि जनता अब महंगाई, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति पर सवाल पूछ रही है।
जनता में क्या असर?
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी जैसे इलाकों में केशव मौर्य का बड़ा प्रभाव है। ऐसे में उनका यह बयान राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। बीजेपी की रणनीति साफ है – सपा को ‘अतीत की पार्टी’ के रूप में पेश करना और खुद को ‘विकास और सुशासन’ की पार्टी के तौर पर जनता के बीच लाना।
उत्तर भारत के खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और दिल्ली NCR में इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। ट्विटर पर “#समाप्तवादी_पार्टी” और “#केशव_बोलें_सच” जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। कई भाजपा समर्थकों ने मौर्य के बयान को सही ठहराया, वहीं सपा समर्थकों ने इसे चुनावी डर और बौखलाहट बताया।
राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक जानकारों की मानें तो केशव मौर्य का यह बयान सिर्फ एक भाषण नहीं, बल्कि भाजपा की 2027 की रणनीति का ट्रेलर है। पार्टी अब फिर से कानून व्यवस्था, विकास और राष्ट्रवाद को मुख्य मुद्दा बनाकर विपक्ष पर हमला तेज करेगी। वहीं सपा को इस चुनौती का जवाब देने के लिए संगठन को और मजबूत करना होगा।उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्माने लगी है। केशव प्रसाद मौर्य का यह बयान इस बात का संकेत है कि 2027 की लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है। बीजेपी अपने पूरे आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतर रही है, और सपा पर हमलों की धार तेज कर रही है।
आगामी महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी इस चुनौती का जवाब कैसे देती है।
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