पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में नेपाल विवाद पर अपना स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और इसकी जिम्मेदारी सीधे विदेश मंत्रालय की है। इस संदर्भ में राज्य सरकार का कोई आधिकारिक बयान तभी संभव है जब भारत सरकार इसकी अनुमति दे।
पड़ोसी देशों के प्रति सम्मान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल – सभी हमारे मित्र हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत और पश्चिम बंगाल हमेशा सभी पड़ोसी देशों के लिए प्यार और सम्मान बनाए रखेंगे।
शांति बनाए रखने की अपील
ममता बनर्जी ने विशेष रूप से दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और कालिम्पोंग के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के उकसावे या अफवाह में नहीं आना चाहिए। उनका संदेश साफ था – “हम सब दोस्त हैं और हमें मिलकर सौहार्द बनाए रखना है।”
राज्य सरकार की भूमिका
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार की अनुमति के बिना पश्चिम बंगाल सरकार इस अंतरराष्ट्रीय मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं देगी। यह रुख राज्य और केंद्र के बीच समन्वय का प्रतीक है।
सामाजिक सौहार्द का महत्व
ममता बनर्जी ने स्थानीय जनता से आग्रह किया कि वे किसी भी सामाजिक तनाव को बढ़ावा न दें। उन्होंने कहा कि शांति बनाए रखना और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
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नेपाल और भारत के रिश्ते
नेपाल और भारत के रिश्ते ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से गहरे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
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दार्जिलिंग क्षेत्र की संवेदनशीलता
दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और कालिम्पोंग क्षेत्र भौगोलिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील हैं। ममता बनर्जी ने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे इस मामले में धैर्य और संयम बनाए रखें और किसी भी तरह की अफवाह या राजनीतिक उकसावे से प्रभावित न हों।
केंद्र और राज्य का समन्वय
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय मामलों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार का समान दृष्टिकोण होना आवश्यक है। किसी भी निर्णय में राज्य सरकार केवल केंद्र की नीति के अनुसार कदम उठाएगी।

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