इनकम टैक्स विभाग आजकल बेहद सख्त हो गया है। छोटी-सी लापरवाही भी आपको इनकम टैक्स नोटिस का सामना करा सकती है। खासकर, अगर आप अपने बैंक खाते में बड़े नकद लेनदेन करते हैं या पर्याप्त इनकम टैक्स नहीं भरते, तो नोटिस मिलना लगभग तय है। कुछ मामलों में तो स्क्रूटनी तक हो सकती है। यदि आप अपने बैंक खाते में 50,000 रुपये या इससे अधिक का नकद लेनदेन (जमा या निकासी) करते हैं, तो आप इनकम टैक्स विभाग के रडार पर आ सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि किन सावधानियों से आप इनकम टैक्स नोटिस से बच सकते हैं।
बैंक ट्रांजेक्शन पर आयकर विभाग की नजर
इनकम टैक्स कंसल्टिंग फर्म Ravi Rajan & Co LLP, Delhi के टैक्सेशन पार्टनर CA कमलेश कुमार के अनुसार, बैंक खाते में नकद लेनदेन करते समय सावधानी बरतना जरूरी है। अगर आप एक बार में 50,000 रुपये या इससे अधिक नकद जमा करते हैं या निकालते हैं, तो बैंक इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दे सकता है। आयकर कानून के तहत, बैंक Annual Information Report (AIR) या Statement of Financial Transactions (SFT) के जरिए ऐसे लेनदेन की जानकारी साझा करते हैं। यदि आपके पास इन लेनदेन का स्पष्ट स्रोत नहीं है, तो आपको इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है।
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कितनी राशि जमा करने की है सीमा?
CA कमलेश कुमार बताते हैं कि आप अपने बैंक खाते में जितनी चाहें उतनी राशि जमा कर सकते हैं, लेकिन बड़े लेनदेन में सावधानी जरूरी है। इनकम टैक्स एक्ट के नियमों के अनुसार, बैंकों को बड़ी राशि के लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। उदाहरण के लिए, अगर आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये या इससे अधिक जमा करते हैं, तो बैंक इसकी सूचना आयकर विभाग को देगा। इसी तरह, एक बार में 50,000 रुपये या उससे अधिक का नकद लेनदेन भी रिपोर्ट किया जा सकता है।
लगातार बड़े ट्रांजेक्शन से बचें
लगातार बड़े नकद लेनदेन करना जोखिम भरा हो सकता है। CA कमलेश कुमार के अनुसार, अगर आप पूरे साल बार-बार बड़े लेनदेन करते हैं, तो बैंक इन्हें संदिग्ध मान सकता है। ऐसे लेनदेन की जानकारी Financial Intelligence Unit (FIU) या आयकर अधिकारियों को दी जा सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बार-बार एक लाख रुपये जमा करता है और उसके पास आय का कोई स्पष्ट स्रोत जैसे व्यवसाय या वेतन का प्रमाण नहीं है, तो उसके खाते की जांच हो सकती है।
दस्तावेजों का रखें पूरा ध्यान
बड़े लेनदेन करने से पहले फंड के स्रोत का स्पष्ट दस्तावेज रखें। अगर आयकर विभाग या बैंक पूछताछ करता है, तो आपको यह साबित करना होगा कि राशि कहां से आई। यदि राशि किसी तीसरे पक्ष से आई है, तो उसके दस्तावेज जैसे पैन कार्ड की कॉपी, एग्रीमेंट, संपत्ति के दस्तावेज, या गिफ्ट डीड तैयार रखें। इससे आप नोटिस या स्क्रूटनी से बच सकते हैं।
बैंक रखता है हर लेनदेन पर नजर
बैंक केवल पैसे जमा करने और निकालने का हिसाब नहीं रखता, बल्कि आपके खाते के हर लेनदेन पर नजर रखता है। बैंकों में ऑटोमेटेड सिस्टम लगे होते हैं, जो असामान्य ट्रांजेक्शन पैटर्न, बड़े नकद लेनदेन, या कई खातों से ट्रांसफर को ट्रैक करते हैं। जरूरत पड़ने पर बैंक स्पष्टीकरण या सहायक दस्तावेज मांग सकता है। अगर आप सहयोग नहीं करते, तो बैंक Suspicious Transaction Report (STR) नियामक अधिकारियों को भेज सकता है।
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