ऑपरेशन सिंदूर से मिले सबक
पुणे में आयोजित दक्षिणी कमान रक्षा तकनीक सेमिनार में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा करते हुए इसे भारत के लिए एक रियलिटी चेक बताया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने भारतीय सेना की ताकत और कमजोरियों को उजागर किया। ऑपरेशन सिंदूर ने उन क्षेत्रों को सामने लाया, जहां भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं में सुधार करने की आवश्यकता है। रक्षा सचिव ने जोर देकर कहा कि इस अभियान ने सेना को अपनी कमियों को समझने और उन्हें दूर करने का मौका दिया, ताकि भविष्य में और मजबूती से जवाब दिया जा सके।
सेना की क्षमता में सुधार की जरूरत
रक्षा सचिव ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर ने कई महत्वपूर्ण कमियों को उजागर किया। इनमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, मानवरहित प्रणालियों का मुकाबला, निम्न-स्तरीय रडार, और जीपीएस-निषेधित व दुर्लभ वातावरण में काम करने में सक्षम सैन्य-स्तरीय ड्रोन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सुधार के लिए एक मजबूत स्वदेशी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करना जरूरी है। दुनिया भर में युद्ध की बदलती प्रकृति और अन्य देशों द्वारा रक्षा और सैन्य शक्ति पर बढ़ते ध्यान को देखते हुए, भारत को भी अपनी रणनीतियों को और मजबूत करना होगा। खासकर पड़ोसी देशों के संदर्भ में, भारत को भविष्य के युद्धों की जरूरतों के अनुसार ढालने की आवश्यकता है।
स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर जोर
रक्षा सचिव ने सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सशस्त्र बलों को आपातकालीन खरीद नियमों के जरिए तत्काल उपकरण हासिल करने की सुविधा दी गई है। हालांकि, दीर्घकालिक लक्ष्य स्वदेशी उपकरणों का विकास है, जिसमें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। रक्षा सचिव ने कहा कि अल्पकालिक जरूरतों के लिए वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता हो सकती है, लेकिन अंतिम लक्ष्य सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से स्वदेशी क्षमताओं को हासिल करना है। DRDO स्वदेशी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
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बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली की ताकत
राजेश कुमार सिंह ने भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली की तारीफ की, जिसने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। इस प्रणाली ने ड्रोन और मिसाइलों के बार-बार हमलों को नाकाम करते हुए बड़े नुकसान और हताहतों को रोका। यह भारत की रक्षा तकनीक की मजबूती को दर्शाता है। रक्षा सचिव ने कहा कि इस प्रणाली ने सेना की रणनीतिक ताकत को और मजबूत किया है, जिससे भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता बढ़ी है।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य और शुरुआत
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में हुई थी। इसे नियंत्रण रेखा और उसके पार आतंकी ढांचे को नष्ट करने के लिए एक लक्षित अभियान के रूप में शुरू किया गया। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में सटीकता, व्यावसायिकता और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करते हुए आतंकियों के कई ठिकानों को ध्वस्त किया। यह अभियान भारत की रक्षा नीति और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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