पाकिस्तान ने लंबे समय से खुद को इस्लामिक देशों का नेतृत्वकर्ता बनने का सपना देखा है। उप प्रधानमंत्री इशाक डार संसद में बार-बार यह दावा करते रहे हैं कि पाकिस्तान जल्द ही 57 इस्लामिक देशों का नेतृत्व करेगा। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और इसके व्यापारिक और वित्तीय हालात चिंताजनक हैं।
P&G ने पाकिस्तान से कारोबार समेटा
विश्व की दिग्गज कंपनी Procter & Gamble (P&G) ने पाकिस्तान से अपना कारोबार समाप्त करने का फैसला किया है। कंपनी ने इसे अपनी ग्लोबल रिस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा बताया है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि असली वजह पाकिस्तान का चुनौतीपूर्ण मार्केट है। वहां बिज़नेस करना कठिन हो गया है, जिससे विदेशी कंपनियां लगातार अपना निवेश हटा रही हैं।
ट्रेड डेफिसिट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी
पाकिस्तान का ट्रेड डेफिसिट सितंबर 2025 में 3.34 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल की तुलना में 46% ज्यादा है। इससे स्पष्ट होता है कि देश के आर्थिक ढांचे में गंभीर कमजोरी है। पाकिस्तान के सपनों की उड़ान हकीकत में आर्थिक संकट की चपेट में है।
सपनों और हकीकत का अंतर
जहां सरकार बड़े-बड़े दावे करती है, वहीं देश की वित्तीय स्थिति बहुत खराब है। रोजमर्रा की जरूरतों जैसे शैम्पू, साबुन और रेज़र बनाने वाली बड़ी कंपनियां अपना कारोबार बंद कर रही हैं। इसका सीधा असर आम जनता और विदेशी निवेशकों पर पड़ रहा है।
विदेशी निवेश और बाजार की चुनौती
विदेशी कंपनियों के बाहर जाने से पाकिस्तान में निवेश की कमी बढ़ रही है। विदेशी निवेशक अब इस बाजार को जोखिम भरा मानते हैं। देश का आर्थिक संकट, बढ़ता ट्रेड डेफिसिट और कमजोर बाजार की स्थिति पाकिस्तान की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को गंभीर चुनौती दे रही है।
पाकिस्तान का सपना 57 इस्लामिक देशों का नेतृत्व करने का हो सकता है, लेकिन आर्थिक अस्थिरता और विदेशी निवेश की कमी इसे हकीकत में बदलने में बाधक बन रही है। P&G जैसे बड़े ब्रांड्स का बाहर जाना, ट्रेड डेफिसिट में बढ़ोतरी और चुनौतीपूर्ण मार्केट देश की आर्थिक कमजोरी को उजागर करता है।
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