अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत के निर्यात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले ने देश में सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है। इस कार्यकारी आदेश के बाद, जहां केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा है, वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। कांग्रेस का कहना है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) जैसी वैश्विक संस्थाओं में भारत का बड़ा हित है, लेकिन ट्रंप इन संस्थाओं को “नष्ट” कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे समय में भारत मूकदर्शक नहीं रह सकता।
डब्ल्यूटीओ को झटका, बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था खत्म
जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर दावा किया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में डब्ल्यूटीओ को गहरा नुकसान पहुंचा था, और अब उनके दूसरे कार्यकाल में यह संस्था पूरी तरह खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा, “नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था, जिसमें अमेरिका स्वयं नेतृत्व करता था, अब समाप्त हो चुकी है।” रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को भी खत्म कर दिया है और पेरिस जलवायु समझौते तथा यूनेस्को से अमेरिका को बाहर कर लिया है। कांग्रेस का मानना है कि ट्रंप की नीतियां वैश्विक सहयोग को कमजोर कर रही हैं, जिसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत जैसे विकासशील देशों को हो रहा है।
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द्विपक्षीय वार्ता पर अमेरिका का जोर
कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिका अब द्विपक्षीय वार्ताओं पर जोर देता है, लेकिन अंतिम निर्णय एकतरफा ही लेता है। रमेश ने चेतावनी दी कि ट्रंप की यह नीति वैश्विक व्यापार और सहयोग के लिए खतरनाक है। उन्होंने कहा कि भारत को इन अंतरराष्ट्रीय संस्थानों और समझौतों में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करना होगा। भारत जैसे देश, जो वैश्विक मंचों पर अपनी आवाज बुलंद करते हैं, इन संस्थानों के कमजोर होने से सीधा नुकसान होता है।
भारत के लिए चुनौती और अवसर
ट्रंप के इस आदेश में भारत को रूसी सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीद के लिए दंडित करने की बात का जिक्र नहीं है, जिसे उन्होंने पहले उल्लेख किया था। फिर भी, 25 प्रतिशत टैरिफ भारत के निर्यातकों के लिए बड़ी चुनौती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अब अपनी व्यापार नीति को और मजबूत करना होगा। साथ ही, वैश्विक मंचों पर अन्य देशों के साथ मिलकर बहुपक्षीय व्यवस्था को बचाने की कोशिश करनी होगी। कांग्रेस ने केंद्र से मांग की है कि वह इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाए और भारत के हितों की रक्षा करे।
केंद्र सरकार पर दबाव
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सवाल किया है कि वह ट्रंप की नीतियों के खिलाफ क्या कदम उठा रही है। रमेश ने कहा, “भारत को अपनी आवाज वैश्विक मंचों पर और मजबूती से उठानी होगी।” यह विवाद न केवल व्यापार, बल्कि भारत की विदेश नीति और वैश्विक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है।

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