चिली गणराज्य के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक दिल्ली पहुंचे, भारत-चिली संबंधों को मिलेगा नया आयाम

चिली गणराज्य के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट अपनी पहली राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे हैं। यह यात्रा भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और नई साझेदारियों को विकसित करने के उद्देश्य से हो रही है। राष्ट्रपति बोरिक के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है, जिसमें मंत्रियों, संसद सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापार प्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों और भारत-चिली सांस्कृतिक आदान-प्रदान में शामिल प्रमुख चिलीवासी शामिल हैं।

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने दीर्घकालिक द्विपक्षीय सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बैठक के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, “चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक से मुलाकात कर खुशी हुई। हमारे दीर्घकालिक सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की सराहना करता हूं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बातचीत से नई साझेदारियां और अधिक सहभागिता को बढ़ावा मिलेगा।”

दिल्ली में हुआ गर्मजोशी से स्वागत

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक मंगलवार को अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा के तहत नई दिल्ली पहुंचे। केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) पाबित्रा मार्गेरिटा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

राष्ट्रपति के आगमन पर उन्हें इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। विदेश मंत्रालय ने इस मौके पर पोस्ट किया, “आपका स्वागत है, राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक! चिली के राष्ट्रपति भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। उनका औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात

राष्ट्रपति बोरिक की इस यात्रा का एक प्रमुख आकर्षण उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात रही। हैदराबाद हाउस में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग, कृषि और इनोवेशन जैसे विषयों पर चर्चा की। इस बैठक में भारत-चिली संबंधों को और सशक्त बनाने पर सहमति बनी।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत और चिली के संबंधों में यह एक नया अध्याय जोड़ने वाला क्षण है।

राष्ट्रपति बोरिक का विशेष संदेश

भारत पहुंचने के बाद राष्ट्रपति बोरिक ने एक्स पर पोस्ट किया, “सुबह 6:30 बजे दिल्ली में। ऐसे समय में जब बहुपक्षीय सहयोग पहले से कहीं अधिक जरूरी है। हम दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाले देश के बारे में बात कर रहे हैं, जिसके साथ हम कृषि व्यवसाय, इनोवेशन, रचनात्मक उद्योगों जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विकास के लिए समान आधार और अवसर साझा करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “हम अपने संबंधों को और मजबूत करने के लिए यहां आए हैं और इसीलिए मेरे साथ सरकारी अधिकारी, राष्ट्रीय कांग्रेस, व्यापार जगत के नेता, इनोवेशन और संस्कृति के क्षेत्र के विशेषज्ञ, प्रतिष्ठित प्रोफेसर और छात्र मौजूद हैं। कार्यक्रम बहुत व्यस्त है। मैं आपको जानकारी देता रहूंगा!”

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महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति बोरिक ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने गांधीजी की समाधि पर पुष्प अर्पित किए और मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी की शिक्षाएं हमें शांति, अहिंसा और समानता के मूल्यों की याद दिलाती हैं। भारत और चिली इन मूल्यों को साझा करते हैं और यह यात्रा हमारे संबंधों को और मजबूत करने का अवसर प्रदान करती है।”

आगरा, मुंबई और बेंगलुरु का दौरा करेंगे राष्ट्रपति

अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति बोरिक आगरा, मुंबई और बेंगलुरु का भी दौरा करेंगे। इन शहरों में वे भारतीय व्यापारिक समुदाय, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे।

मुंबई में, वे भारतीय उद्योगपतियों और निवेशकों से मुलाकात करेंगे ताकि चिली में व्यापार और निवेश के नए अवसरों पर चर्चा हो सके।

बेंगलुरु में, वे स्टार्टअप, टेक्नोलॉजी और अनुसंधान से जुड़े लोगों के साथ संवाद करेंगे।

आगरा में, वे विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का दौरा करेंगे, जो भारत और चिली के बीच सांस्कृतिक सहयोग का प्रतीक बन सकता है।

भारत-चिली संबंधों पर प्रभाव

चिली और भारत के बीच 2019 में व्यापक व्यापार समझौता (Expanded Preferential Trade Agreement – PTA) हुआ था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिला। यह यात्रा इस व्यापारिक सहयोग को और आगे ले जाने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है।

विशेष रूप से, चिली भारत के लिए कॉपर, लिथियम और अन्य खनिज संसाधनों का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है, जबकि भारत चिली को दवाइयां, टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और आईटी सेवाएं निर्यात करता है।

चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक की यह भारत यात्रा भारत-चिली संबंधों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति बोरिक की मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि भविष्य में भारत और चिली के बीच बहुपक्षीय सहयोग के लिए नए दरवाजे खुल सकते हैं। भारत और चिली दोनों ही तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं, और इस यात्रा से उनके बीच सहयोग के नए अवसर पैदा होने की पूरी संभावना है।

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