कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि उनके पास ऐसे सबूत हैं जो साबित करते हैं कि चुनाव आयोग ‘वोट चोरी’ में शामिल है। संसद परिसर में अपनी बात रखते हुए राहुल ने कहा, “हमारे पास सबूतों का एटम बम है, जब यह फटेगा तो चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा।” यह बयान बिहार में चल रही चुनाव आयोग की स्पेशल इंटेंसिव रीविजन (SIR) प्रक्रिया को लेकर था, जिसने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्ष इस मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सत्तापक्ष इसके लिए तैयार नहीं है, जिसके चलते सदन की कार्यवाही भी प्रभावित हो रही है।
राजनाथ सिंह का पलटवार
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल के पास न तो कोई तथ्य हैं और न ही कोई सबूत। राजनाथ ने पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “अगर राहुल गांधी के पास सबूतों का एटम बम है, तो उसे तुरंत जनता के सामने लाएं।” उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसकी अपनी साख है, और उस पर बेबुनियाद आरोप लगाना नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता। राजनाथ ने राहुल की सनसनीखेज बयानबाजी को उनकी पुरानी आदत करार दिया।
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इमरजेंसी का जिक्र, कांग्रेस पर निशाना
राजनाथ सिंह ने अपने बयान में 1975 की इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में संविधान के साथ क्रूर मजाक किया गया था। “1975 में इमरजेंसी लगाकर कांग्रेस ने संविधान की हत्या की थी, यह इतिहास देश का हर नागरिक जानता है।” उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को गैर-जिम्मेदाराना बताते हुए कहा कि ऐसे आरोप संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं।
राहुल के दावों पर सवाल
राहुल गांधी ने दावा किया था कि उनके पास 100 फीसदी सबूत हैं कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है। इस पर राजनाथ सिंह ने तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी पहले भी कह चुके हैं कि उनके बयान से भूचाल आ जाएगा, लेकिन हर बार खोदा पहाड़, निकली चुहिया।” उन्होंने राहुल को चुनौती दी कि अगर उनके पास वाकई सबूत हैं, तो उन्हें बिना देर किए सार्वजनिक करें। राजनाथ ने कहा कि बिना तथ्यों के सनसनीखेज बयान देना राहुल की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।
सियासी घमासान और भविष्य
बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तनातनी चरम पर है। राहुल गांधी के बयान ने इस विवाद को और हवा दी है। वहीं, राजनाथ सिंह के जवाब ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। यह विवाद न केवल चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है, बल्कि देश की राजनीति में संवैधानिक संस्थाओं के सम्मान को लेकर भी बहस छेड़ रहा है।
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