4 जून 2025, बेंगलुरु — IPL में RCB की ऐतिहासिक जीत पर पूरा शहर जश्न मना रहा था। लेकिन यह खुशी का माहौल अचानक मातम में बदल गया जब एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए सेलिब्रेशन इवेंट में भीषण भगदड़ मच गई। सैकड़ों की भीड़ में मची अफरा-तफरी में कई लोग घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
इस घटना ने कर्नाटक सरकार, पुलिस प्रशासन और आयोजकों की जिम्मेदारी पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान ने इस मामले को और गर्मा दिया है।
“मुझे देरी से बताया गया” — CM सिद्धारमैया का बयान और प्रशासन की चूक
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भगदड़ पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा —
“ये कार्यक्रम सरकार द्वारा आयोजित नहीं था, ना मुझे आमंत्रित किया गया। जब पीड़ितों को 3:50 बजे अस्पताल में भर्ती कराया गया, मुझे जानकारी 5:45 बजे मिली।”
सीएम ने पुलिस प्रशासन पर सवाल उठाए और माना कि सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी थे। उनका कहना है कि इतनी बड़ी भीड़ के लिए न कोई प्लानिंग की गई थी, न ही क्राउड कंट्रोल की व्यवस्था।
अब सवाल ये उठता है कि —
- अगर यह इवेंट अनधिकृत था, तो भी पुलिस कहाँ थी?
- इतनी बड़ी भीड़ की जानकारी होते हुए प्रशासन मूकदर्शक क्यों बना रहा?
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पुलिस विभाग भी निशाने पर है और जांच की मांग तेज़ हो गई है।
सियासी भूचाल और जनता का गुस्सा — ज़िम्मेदार कौन?
इस पूरे मामले ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि —
“RCB के नाम पर प्रचार तो हो गया, पर सुरक्षा का इंतजाम ज़ीरो था।”
सोशल मीडिया पर भी लोग तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #RCBStampede ट्रेंड कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं
- इतने बड़े स्तर पर बिना अनुमति इवेंट कैसे हुआ?
- क्या सिर्फ आयोजक दोषी हैं या पुलिस-प्रशासन की भी जवाबदेही बनती है?
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