August 28, 2025

तेजस को मिलेगा नया इंजन भारत-अमेरिका के बीच हुआ 1 अरब डॉलर का बड़ा रक्षा सौदा

भारत की रक्षा ताकत को मिलने जा रही है एक और बड़ी मजबूती। देश में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस (LCA Tejas) की क्षमता को और बढ़ाने के लिए 113 नए इंजन खरीदे जा रहे हैं। यह सौदा भारत और अमेरिका की प्रमुख कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) के बीच हो रहा है, जिसकी कीमत 1 अरब डॉलर (₹8,300 करोड़) से अधिक बताई जा रही है।यह डील अब लगभग फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है और सूत्रों के अनुसार, सितंबर 2025 तक इस पर आधिकारिक मुहर लग सकती है।

तेजस के लिए नई उड़ान

भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस मार्क 1ए अब और भी ज्यादा ताकतवर बनकर उभरने वाला है। HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) और GE के बीच हो रही यह डील भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति (Atmanirbhar Bharat in Defence) की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इंजन डील की प्रमुख बातें

  • कुल इंजन: 113
  • कीमत: $1 Billion (₹8,300 करोड़ लगभग)
  • सप्लाई रेट: हर महीने 2 इंजन
  • इस्तेमाल: तेजस मार्क 1ए फाइटर जेट्स में
  • सप्लायर: General Electric (GE), USA
  • निर्माता (भारतीय पक्ष): HAL (Hindustan Aeronautics Limited)

पहले भी हो चुका है ऐसा सौदा

यह पहला मौका नहीं है जब GE और HAL के बीच तेजस के लिए इंजन की डील हुई हो। इससे पहले, GE ने 99 इंजन की सप्लाई का सौदा किया था जो तेजस के पहले 83 लड़ाकू विमानों में लगाए जा चुके हैं। अब जब भारतीय वायुसेना (IAF) ने 97 और तेजस मार्क 1ए विमान खरीदने की मंजूरी दी है, तो 113 अतिरिक्त इंजन की ज़रूरत पड़ी है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

यह सौदा सिर्फ एक इंजन सप्लाई नहीं है यह भारत की डिफेंस इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, स्वदेशी उत्पादन, और रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती का संकेत है।भारत अब सिर्फ फाइटर जेट खरीद नहीं रहा, बल्कि इंजन निर्माण, रखरखाव, और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एयरोस्पेस तकनीक का निर्माण करने की दिशा में काम कर रहा है।

आगे का लक्ष्य तेजस मार्क 2 और AMCA

LCA तेजस के बाद अब भारत की नजरें हैं । दो और बड़े प्रोजेक्ट्स पर इन दोनों प्रोजेक्ट्स के लिए भारत को GE-414 इंजन की 200 यूनिट्स की ज़रूरत है। जो आने वाले सालों में एक और बड़ी डील की ओर इशारा करता है।

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