नेपाल से एक बेहद दुखद और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पूर्व प्रधानमंत्री झलनाथ खनाल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। यह घटना न केवल एक राजनीतिक परिवार के लिए व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि नेपाल की मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।
प्रदर्शनकारियों के हमले में जान गई
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के एक उग्र समूह ने उनके घर पर हमला किया। उन्होंने राजलक्ष्मी चित्रकार को जबरन घर के अंदर धकेला और घर में आग लगा दी। इस घटना में राजलक्ष्मी गंभीर रूप से झुलस गईं।
अस्पताल में नहीं बच पाई जान
घटना के बाद उन्हें तुरंत किर्तिपुर बर्न हॉस्पिटल ले जाया गया। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन आग से झुलसने के कारण उनकी हालत बेहद गंभीर थी। आखिरकार इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
नेपाल की राजनीति में हलचल
झलनाथ खनाल नेपाल की राजनीति का बड़ा नाम रहे हैं। वे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और वरिष्ठ वामपंथी नेता रहे हैं। उनकी पत्नी की इस दर्दनाक मौत ने न केवल खनाल परिवार को बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र को हिला दिया है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ने इस घटना की निंदा की है और इसे नेपाल की राजनीति पर काला धब्बा बताया है।
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सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
यह घटना ऐसे समय हुई है जब नेपाल पहले से ही अशांति और विरोध प्रदर्शनों का सामना कर रहा है। संसद भवन पर हमले और पुलिस-पब्लिक झड़पों के बीच यह हत्या दर्शाती है कि सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर हो चुकी है। सवाल यह है कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को सुरक्षा नहीं मिल सकती, तो आम नागरिकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?
जनाक्रोश और शोक
राजलक्ष्मी चित्रकार की मौत के बाद नेपाल में शोक की लहर है। सोशल मीडिया पर लोग गुस्सा और दुख जाहिर कर रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि सरकार अब भी लापरवाही बरत रही है और सुरक्षा एजेंसियां नियंत्रण खो चुकी हैं।
नेपाल के भविष्य पर असर
यह घटना केवल एक पारिवारिक त्रासदी नहीं बल्कि नेपाल की राजनीति और सामाजिक स्थिरता के लिए गहरी चोट है। लगातार बढ़ रहे विरोध प्रदर्शनों और हिंसक घटनाओं ने देश की स्थिरता पर बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
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