अमेरिका का टैरिफ हमला: भारत और ब्राजील पर भारी पेनल्टी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लागू किया है, जिसमें रूस से तेल खरीदने के लिए 25% की पेनल्टी भी शामिल है। यह कदम भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में तनाव का नया अध्याय शुरू करता है। अमेरिका ने ब्राजील पर भी 50% टैरिफ लगाया है, जो सबसे अधिक है। इसके अलावा, अमेरिका ने पहले चीन पर 145% टैरिफ लगाया था, जिसे बाद में घटाकर 30% किया गया। यह टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मचा रही है, जिसके केंद्र में भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश हैं।
चीन का भारत को समर्थन: एकजुटता का संदेश
इस व्यापार युद्ध में भारत को चीन का पूरा साथ मिल रहा है। चीन, जो भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर और अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, इस मुद्दे पर भारत और ब्राजील के साथ एकजुटता दिखाई है। चीन के भारत में राजदूत जू फेइहोंग ने X पर एक प्रभावशाली पोस्ट में लिखा, “धमकाने वाले को एक इंच दो तो वह एक मील छीनकर ले लेगा।” इस पोस्ट में उन्होंने चीन के विदेश मंत्री वांग यी की टिप्पणी को भी टैग किया, जिन्होंने ब्राजील के राष्ट्रपति के मुख्य सलाहकार सेल्सो अमोरिन के साथ बातचीत में टैरिफ को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की निंदा की। वांग यी ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने इसे अलोकप्रिय और अस्थायी कदम बताया, जो वैश्विक व्यापार व्यवस्था को कमजोर करता है।
रूसी तेल और भारत-चीन की रणनीति
यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाए, जिसके बाद रूस ने भारत और चीन को सस्ते दामों पर कच्चा तेल बेचना शुरू किया। आज रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अमेरिका की टैरिफ नीति में रूसी तेल खरीदने की पेनल्टी को शामिल करना भारत और चीन के लिए एक रणनीतिक चुनौती है। दोनों देश इस मुद्दे पर मिलकर रणनीति बना रहे हैं, जिसकी झलक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के आगामी शिखर सम्मेलन में देखने को मिल सकती है।
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SCO शिखर सम्मेलन: मोदी की चीन यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने चीन में होने वाले SCO शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जा सकते हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से होगी। यह सम्मेलन वैश्विक व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग के लिए महत्वपूर्ण मंच है। भारत और चीन, जो रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदार हैं, इस मंच पर टैरिफ और व्यापार नीतियों पर चर्चा करेंगे। यह मुलाकात वैश्विक व्यापार युद्ध में भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकती है।
वैश्विक व्यापार का भविष्य
अमेरिका की टैरिफ नीति ने वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता पैदा की है। भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश इस चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। SCO जैसे मंच इस संकट के समाधान में अहम भूमिका निभा सकते हैं। भारत के लिए यह मौका अपनी आर्थिक नीतियों को मजबूत करने और वैश्विक मंच पर अपनी आवाज को बुलंद करने का है।
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